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अब धान की फसल में झुलसा रोग की समस्या नहीं आएगी पेश

                                             कृषि विवि पालमपुर ने विकसित की धान की नई किस्म

काँगड़ा,ब्यूरो रिपोर्ट 

हिमाचल प्रदेश के किसानों को आने वाले दिनों में अब धान की फसल में झुलसा रोग की समस्या पेश नहीं आएगी। इसके साथ ही अब धान की अच्छी पैदावार होगी। 

कृषि विवि पालमपुर में झुलसा रोग (राइस ब्लास्ट) से निपटने के लिए एक बड़ा शोध हुआ है। इसमें विवि के कृषि विशेषज्ञों ने कुछ नए जीन डाल कर धान की किस्म विकसित की है। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के साथ मिल कर एक अन्य धान की किस्म भी राष्ट्रीय स्तर पर विकसित की है, जो छतीसगढ़ और उड़ीसा जैसे राज्यों के लिए उपयोगी पाई गई है। हिमाचल की बात करें तो यहां पर हर साल कई क्षेत्रों में धान की फसल पर झुलसा रोग का खतरा मंडराने लगता है। इससे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है।

यह देख कृषि विवि पालमपुर के एग्रीकल्चर बायोटेक्नोलॉजी विभाग में कृषि विशेषज्ञ पिछले कई दिनों से धान की फसल में लगने वाले झुलसा रोग से निपटने के लिए काम कर रहे थे।इसे लेकर विवि में एक बड़े स्तर पर शोध चल रहा था, ताकि धान की फसल को झुलसा रोग से बचाया जा सके। कृषि विवि में धान की एचपीआर-2880 किस्म को विकसित किया गया है, जिसमें कृषि विशेषज्ञों ने कई जीनों की पहचान कर अपने शोध में पीआई 42, पीआई 67 व पीबी 2 प्रतिरोधी जीन को डाला गया है। इससे अब धान की इस किस्म पर झुलसा रोग का कोई खतरा नहीं होगा। इससे प्रदेश की किसानों को धान में लगने वाले झुलसा रोग से निजात मिलेगी। धान की यह किस्म हिमाचल में उपयोगी पाई गई है। 


वहीं विवि के कृषि विशेषज्ञों ने भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान दिल्ली के साथ मिल कर राष्ट्रीय स्तर पर धान की पूसा सांभा-1850 किस्म भी विकसित की गई है। जिसमें झुलसा रोग से निपटने के लिए पीआई-1,पीआई-टीए और पीआई 54 प्रतिरोधी जीन डाले गए हैं। यह किस्म छतीसगढ़ और ओडिसा जैसे राज्यों में बेहतर पाई गई है।धान की फसल में झुलसा रोग से निपटने के लिए कृषि विवि पालमपुर में पिछले कई दिनों से शोध चला हुआ था, जोकि अब कामयाब रहा है। इसमें हिमाचल में लगने वाले धान की किस्म एचपीआर-2880 को शोध में विकसित किया गया है। इसमें झुलसा रोग से निपटने के लिए नए जीन डाले गए हैं, जिससे अब इस किस्म पर झुलसा रोग काफी हद तक दूर होगा। धान की यह किस्म में काफी कामयाब है। साथ ही विवि ने भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के साथ मिल कर राष्ट्रीय स्तर पर धान की पूसा सांभा-1850 किस्म विकसित की है।




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