1.75 लाख टन धान उत्पादन का लक्ष्य
शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट
कृषि उत्पादन कार्यक्रम के तहत विभाग ने चालू खरीफ मौसम में 8.86 लाख टन खाद्यान्न उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया है, जिसमें मक्की 6.89 लाख टन और धान 1.75 लाख टन उत्पादन को लक्षित किया गया है। इसके अतिरिक्त तिलहन 2.3 हजार टन आलू 1.42 लाख टन, अदरक 3.4 लाख टन और सब्जी 11.22 लाख टन का उत्पादन लक्ष्य तय किया गया है।
निर्धारित लक्ष्यों को पूरा करने के लिए कृषि सामग्री के समुचित व व्यापक प्रबंध किए गए हैं। इसके अंतर्गत 17,505 क्विंटल उन्नत बीज, 24,403 टन खादें, 100 क्विंटल जीवाणु खादें, 37 टन दवाइयां व 65,000 सुधरे औजार किसानों को उपलब्ध करवाए जा रहे हैं।इसके साथ किसानों को खाद्यान्न, दलहन, तिलहन व सब्जी के बीज व कीटनाशक दवाइयों, पौध संरक्षण उपकरणों पर उपदान दिया जा रहा है। कुमद सिंह ने किसानों का आह्वान किया कि वह इस अभियान में बढ़‐चढ़कर भाग लें।किसानों में आधुनिक तकनीक और नई बीज किस्मों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए इस खरीफ मौसम में राष्ट्रव्यापी विकसित कृषि संकल्प अभियान 29 मई से 12 जून तक चलाया जा रहा है।राज्य कृषि विभाग की निदेशक कुमद सिंह ने बताया कि भारत सरकार की ओर से किसानों के लिए चलाए जा रहे इस अभियान को बुधवार से हिमाचल में भी लागू किया जा रहा है। प्रदेश में इस अभियान का आरंभ कृषि मंत्री हिमाचल प्रदेश प्रोफेसर चंद्र कुमार ने जवाली से किया है।
इसका उद्देश्य देश के किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों, नवाचारों और सरकारी योजनाओं की जानकारी देकर उन्हें आत्मनिर्भर एवं सशक्त बनाना है। इस अभियान के अंतर्गत सभी गांवों में ग्राम स्तरीय जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिनमें कृषि विज्ञान केंद्र, कृषि व बागवानी विभाग, कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर, डॉ. वाईएस परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय सोलन व भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) आदि के कृषि वैज्ञानिकों एवं कृषि अधिकारियों और स्थानीय किसानों की भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है।अभियान का प्रमुख उद्देश्य किसानों को निम्नलिखित विषयों पर जागरूक करना है।
सरकारी योजनाओं जैसे पीएम किसान, पीएम फसल बीमा योजना, कृषि यांत्रिकीकरण आदि की जानकारी एवं जैविक खेती और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना, जल संरक्षण एवं मृदा स्वास्थ्य कार्ड का महत्व, डिजिटल कृषि और कृषि में स्टार्टअप्स की भूमिका आदि इसमें शामिल है। यह अभियान राज्य के सभी जिलों में संचालित किया जा रहा है और इसका लक्ष्य सभी किसानों तक सीधे पहुंच बनाना है। इसके लिए 40 टीमों का गठन किया गया है। सभी जिलों में नोडल अधिकारियों का चयन किया गया है। टीम में कृषि, वागवानी, पशुपालन, राज्य व केंद्र सरकार के कृषि विज्ञान केंद्र से कृषि वैज्ञानिक, कृषि अधिकारी और स्थानीय किसान शामिल हैं।
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