कौन होगा पंचायत के पदाधिकारी के रूप में चुने जाने के लिए अयोग्य
शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट
हिमाचल हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला देते हुए कहा कि सरकारी भूमि पर अतिक्रमण करने वाले परिवार का कोई भी सदस्य नियमों के मुताबिक पंचायत चुनाव नहीं लड़ सकता है।
न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की अदालत ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश पंचायती राज अधिनियम की धारा 122(1) (सी) के तहत यदि कोई व्यक्ति या उसके परिवार का कोई सदस्य सरकारी भूमि पर अतिक्रमण करता है तो वह पंचायत के पदाधिकारी के रूप में चुने जाने के लिए अयोग्य होगा। अतिक्रमण की तिथि से 6 साल की अवधि बीत न जाए या वह अतिक्रमणकारी न रहे, तब तक वह चुनाव नहीं लड़ सकता। हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता की ओर से दायर याचिका को खारिज करते हुए यह फैसला दिया।याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने अदालत में तर्क दिया कि याची पिता से अलग रहता है।
पिता की ओर से की गई गलती वह क्यों भुगते। उन्होंने तर्क दिया कि चुनाव लड़ने का अधिकार एक कानूनी अधिकार है और इसे कानून में उल्लिखित शर्तों से भंग नहीं किया जा सकता है। सरकार की ओर से बताया गया कि प्राधिकृत अधिकारी की ओर से दिए गए आदेशों में कोई त्रुटि नहीं है। यह रिकॉर्ड पर दर्ज है कि याचिकाकर्ता के पिता ने सरकारी भूमि पर अतिक्रमण किया था और उन्होंने स्वयं इसके नियमित करने के लिए आवेदन करते समय इस तथ्य को स्वीकार किया था।
याचिकाकर्ता ने जनवरी 2021 में ग्राम पंचायत बस्सी में उप प्रधान का चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी। हालांकि, उनके चुनाव को दो अलग-अलग चुनाव याचिका में चुनौती दी गई थी। प्राधिकृत अधिकारी ने 21 जनवरी 2024 के इन चुनाव याचिकाओं को स्वीकार कर दिया था। प्राधिकृत अधिकारी ने रिकॉर्ड के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला था कि याचिकाकर्ता के पिता ने सरकारी भूमि पर अतिक्रमण किया था और उन्होंने अतिक्रमण वाली भूमि के नियमितीकरण के लिए भी आवेदन किया था।
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