मैं प्लास्टिक नहीं हूं... दावा करने वाले बैग भी होंगे बंद
सोलन,ब्यूरो रिपोर्ट
प्रदेशभर में मैं प्लास्टिक नहीं हूं... का दावा करने वाले माइक्रोन लिफाफे के इस्तेमाल पर भी प्रदेश में 1 जून से पाबंदी लग जाएगी। दुकानदार और व्यावसायिक प्रतिष्ठान में इनका प्रयोग नहीं कर सकेंगे।
ये बैग नाइलोन या अन्य प्लास्टिक पदार्थ जैसे पॉली-विनायल-कार्बोहाइड्रेटस (पीवीसी) पॉलीप्ररापाइलीन और पॉली-स्टाइरीन से तैयार होते हैं। प्रदेश के वातावरण में इनके नष्ट नहीं होने के कारण इन पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है।ऐसे में सरकार ने इन बैग को भी बंद करने का निर्णय ले लिया है। इसे लेकर सरकार ने आदेश जारी कर दिए हैं। पर्यावरण बचाव के लिए यह निर्णय लिया है। प्लास्टिक लिफाफे का प्रयोग बंद होने के बाद अब ज्यादातर दुकानदार इस तरह के लिफाफे का प्रयोग कर रहे हैं। साथ ही यह पर्यावरण मित्र है, यह भी लिखा जाता है। जबकि यह आसानी से डिस्पोज नहीं होता।गौरतलब है कि प्रदेश में ज्यादातर दुकानदार सामान देने के लिए एक बार उपयोग में आने वाले कैरी बैग का प्रयोग कर रहे हैं।
ये लिफाफे या बैग भी पर्यावरण के लिए खतरनाक है। इसे नष्ट करने के लिए 35 डिग्री सेल्सियस से अधिक का तापमान जरूरी है। दुकानदारों के पास इसका बड़ी मात्रा में स्टॉक पड़ा है लेकिन इसका प्रयोग केवल 31 मई तक ही हो सकेगा। इसके बाद प्रयोग होने पर विभागों की ओर से सख्त कार्रवाई की जाएगी।इस प्रकार के बैग को नष्ट करने के लिए छह माह तक 35 से 40 डिग्री तक तापमान की जरूरत है। हिमाचल में इतना तापमान केवल गर्मियों में रहता है। सर्दियों में तापमान काफी नीचे चला जाता है। ऐसे में ये डिस्पोज नहीं होते। ये खाद बनाने जीव नाशित बैग पर्यावरणीय प्रदूषण व अव्यवस्थित कचरे के फैलाव को बढ़ावा दे रहे हैं।
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