सैंज मेले में 4500 रुपये किलो बिकी गुच्छी
कुल्लू,ब्यूरो रिपोर्ट
जिला स्तरीय सैंज मेले में ग्रामीण संस्कृति को संजोए रखने के प्रयास किए जा रहे हैं। मेले में महिला और पुरुष पारंपरिक कुल्लवी परिधानों में सजकर कुल्लवी संस्कृति के संरक्षण का संदेश दे रहे हैं।पारंपरिक व्यंजनों में शुमार गुच्छी को भी ग्रामीण मेले के बाजार में उतार रहे हैं। मेले में 3,000 से 4,500 रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से गुच्छी के दाम मिल रहे हैं।
बता दें कि हर साल फरवरी और मार्च में बारिश-बर्फबारी के चलते गुच्छी की पैदावार जंगलों में होती है। बंजार, सैंज, पार्वती घाटी, खराहल, कशावरी आदि क्षेत्रों में गुच्छी होती है। ग्रामीण सैंज मेले में बेचने के लिए गुच्छी लाए हैं। इससे युवा पीढ़ी को भी गुच्छी के बारे में जानकारी मिलेगी और वे अपने व्यंजनों में भी इसे शामिल कर पाएंगे। इसके अलावा गुच्छी के संरक्षण के लिए भी कवायद शुरू हो सकेगी। गुच्छी व्यापारी मीराबाई, भागचंद, रामचंद, डोला राम, गोविंद, चिंतू देवी, निर्मला और कृष्णा ने कहा कि सैंज मेले में गुच्छी के 4,500 रुपये तक दाम मिल रहे हैं। यह बेहद कम हैं। उन्होंने कहा कि पारंपरिक व्यंजन गुच्छी के प्रति युवाओं को जागरूक करने के लक्ष्य से ही वे बाजार में गुच्छी को विक्रय के लिए लाए हैं।
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