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सुधीर ने भेजा लीगल नोटिस- कहा हर गांधी महात्मा नहीं होता

                                    विधायकों की खरीद-फरोख्त मामले में सुधीर मास्टरमाइंड- गांधी

शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट 

भाजपा विधायक एवं पूर्व मंत्री सुधीर शर्मा ने खुद पर लगाए आरोपों के सिलसिले में एसपी शिमला संजीव गांधी को लीगल नोटिस भेजा है। उन्होंने कहा कि न्याय के लिए एसपी हो या कोई अन्य अधिकारी, हर स्तर पर कानूनी लड़ाई लड़ी जाएगी।

सुधीर ने कहा कि जल्द ही एसपी शिमला के खिलाफ विधानसभा में विशेषाधिकार प्रस्ताव भी लाया जाएगा। जरूरी हुआ तो अदालत में आपराधिक मानहानि का मामला भी दायर किया जाएगा। भाजपा विधायक ने पुलिस अधीक्षक शिमला संजीव गांधी की ओर से प्रेस वार्ता में उनका नाम लेकर प्रदेश उच्च न्यायालय की लाइव कार्यवाही को सोशल मीडिया पर दिखाने और छवि खराब करने को लेकर उठाए सवाल पर पलटवार किया है।सुधीर ने शनिवार को जारी वीडियो में कहा कि उच्च न्यायालय खुद अपनी कार्यवाही को लाइव चलाकर लोगों को दिखाता है कि पारदर्शिता क्या है। सुधीर ने खुद वीडियो नहीं बनाया है। विधायकों की खरीद-फरोख्त के एसपी के आरोपों पर ने कहा कि अगर एसपी शिमला के पास सबूत थे तो एफआईआर क्यों नहीं दर्ज की। आज जब एसपी शिमला खुद दलदल में फंस गए हैं तो सुधीर शर्मा, प्रदेश के मुख्य सचिव, अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार शर्मा पर आरोप लगा रहे हैं। 


क्या साधु केवल एसपी शिमला ही हैं, खुद को ईमानदारी के सर्टिफिकेट बांटना बंद करें। लोगों को याद रखना चाहिए कि हर गांधी महात्मा नहीं होता है। सीबीआई को यह भी जांचना चाहिए कि यह व्यक्ति किस-किस जिले में डीएसपी, एएसपी और एसपी रहा और वहां क्या-क्या घटित हुआ और इस व्यक्ति का जूनियर अधिकारियों के साथ कैसा व्यवहार रहा। सुधीर ने कहा कि संजीव जब एसपी कांगड़ा थे तो सरकार को जिले के दो एसपी जिला में बांटना पड़ा। निलंबित एएसआई पंकज कुमार को गृह मंत्रालय सुरक्षा उपलब्ध करवाएं। पंकज एसपी शिमला के अधीन है, वह पेन ड्राइव लेकर कैसे गायब हो गया। एसपी शिमला पत्रकार वार्ता कर तथ्यों को छुपाने का प्रयास कर रहे हैं।एसपी शिमला ने प्रदेश उच्च न्यायालय में विमल नेगी से संबंधित सुनवाई की लाइव स्ट्रीमिंग का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल करने के मामले में विधायक सुधीर शर्मा के खिलाफ प्रदेश उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है।

उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय ने जब मुझे एसआईटी की जांच रिपोर्ट के संबंध में अपना पक्ष रखने की अनुमति दी, उस समय विधायक सुधीर शर्मा ने प्रदेश उच्च न्यायालय के नियमों के विपरीत अपने स्वार्थ के लिए दुर्भावना से मेरी छवि को खराब करने के लिए नकारात्मक तरीके से पेश किया। उन्होंने कहा कि नियमों के तहत ऐसा नहीं किया जा सकता था। उन्होंने कहा कि विधायकों की खरीद-फरोख्त के मामले में विधायक सुधीर शर्मा को जांच में शामिल किया गया है और अभी तक की जांच में वह इस पूरे मामले के मास्टरमाइंड सामने आ रहे हैं। इस संबंध में उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है। इसमें कोर्ट से आग्रह किया है कि कंटेप्ट ऑफ प्रोसिडिंग के साथ कॉपीराइट और इन्फॉर्मेशन एक्ट में उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए।



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