मंत्री नेगी का नहीं आया कोई शोक संदेश : राजेंद्र
शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट
एचपीपीसीएल के चीफ इंजीनियर दिवंगत विमल नेगी की मौत के मामले की जांच हाईकोर्ट की ओर से सीबीआई को सौंपने से अब न्याय मिलने की उम्मीद जगी है।
यह बात शनिवार को रिकांगपिओ में विमल नेगी की पत्नी किरण नेगी ने पत्रकारों से कही। उन्होंने कहा कि हम शुरू से ही मामले की जांच सीबीआई से करवाने की मांग कर रहे थे, लेकिन सरकार ने ऐसा नहीं किया। अब हाईकोर्ट ने सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं तो हमें न्याय की उम्मीद जगी है। इस दौरान उन्होंने जिला किन्नौर के साथ प्रदेश की जनता और पावर काॅर्पोरेशन के कर्मचारियों का आभार जताया, जिन्होंने हमें न्याय दिलाने के लिए इकट्ठे होकर सड़कों पर उतरकर हमारा साथ दिया।
उन्होंने यह भी कहा कि पावर कॉरपोरेशन के कर्मचारियों का कहना है कि आज हम विमल नेगी की वजह से ही चैन की सांस ले रहे हैं। बिना किसी दबाव के कार्य कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि विमल नेगी के लापता होने की एफआईआर दर्ज करवाने के बाद हमने भी उनकी तलाश की। उनका लैपटॉप और पेनड्राइव आदि जांच के लिए पुलिस के पास दे दिए थे। हमें क्या पता था कि इनके साथ छेड़छाड़ की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि विमल नेगी अपना काम पूरी ईमानदारी से करते थे और रात को उठकर भी काम पर जाते थे। आरोप लगाया कि गलत फाइलों पर साइन करने के लिए विमल नेगी को रात को दो बजे तक ऑफिस में बिठाया जाता था।
जब विमल लापता हुए थे तो उस दौरान हरिकेश मीणा का फोन आया था। उसके बाद वह कहां चले गए और वह टैक्सी वाला कौन था, जिसकी टैक्सी में बैठकर विमल नेगी गए थे, इस पर जांच होनी चाहिए।विमल के मामा राजेंद्र सिंह नेगी ने किन्नौर के विधायक और मंत्री जगत सिंह नेगी पर तंज कसते हुए कहा कि विमल नेगी के मृत्यु पर जनजातीय मंत्री का कोई शोक संदेश नहीं आया। यहां तक उच्च न्यायालय ने जब केस को सीबीई को दिया तो उन्होंने सीबीई को तोता कहा। यह बहुत गलत है। सरकार ने ढाई माह तक कोई काम काम नहीं किया।
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