Ticker

6/recent/ticker-posts

Header Ads Widget

अब जलविद्युत परियोजनाओं में देरी पर क्या होगा ,जानिए

                               जलविद्युत परियोजनाओं में देरी के लिए निर्माताओं को जारी होंगे नोटिस

शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट 

मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने ऊर्जा विभाग को ऐसी जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माताओं को परियोजना रद्द करने के नोटिस जारी करने के निर्देश दिए हैं, जो गंभीरता से कार्य नहीं कर रहे हैं। साथ ही जिनकी परियोजनाएं कई वर्षों से अटकी हुई हैं।

ऊर्जा विभाग की उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि परियोजना निष्पादन में अनावश्यक देरी से प्रदेश के राजस्व को काफी नुकसान हो रहा है। सीएम ने कहा कि जब तक पड़ोसी राज्य भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड के लंबित बकाया का निपटारा करने के लिए ठोस आश्वासन नहीं देते, तब तक राज्य सरकार किशाऊ और रेणुका बांध जैसी आगामी परियोजनाओं पर आगे नहीं बढ़ेगी।शनिवार को सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार विभिन्न प्लेटफार्म और मंचों पर राज्य के लोगों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। एक बड़े फैसले में राज्य सरकार ने एसजेवीएनएल को पहले आवंटित 382 मेगावाट क्षमता के सुन्नी, 210 मेगावाट लुहरी स्टेज-1 और 66 मेगावाट क्षमता की धौलासिद्ध परियोजनाओं को वापस लेने का निर्णय लिया।

 मुख्यमंत्री को अवगत करवाया गया कि बीबीएमबी ने पंप भंडारण परियोजनाएं स्थापित करने के लिए भाखड़ा बांध पर 4403 मेगावाट क्षमता और कोल बांध पर 8700 मेगावाट क्षमता की पहचान की है। उन्होंने विभाग को इस दिशा में आगे बढ़ने के निर्देश दिए।मुख्यमंत्री ने एचपीएसईबीएल को अगस्त 2025 तक काजा सौर ऊर्जा परियोजना को कार्यशील करने और चंबा जिला की दूरदराज पांगी घाटी के धनवास में बैटरी बैकअप के साथ एक मेगावाट सौर ऊर्जा परियोजना में तेजी लाने के निर्देश दिए। इस परियोजना के दिसंबर तक पूरा होने की उम्मीद है। इससे भारी बर्फबारी के दौरान पांगी घाटी की 19 पंचायतों को निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित होगी।मुख्यमंत्री ने ‘ग्रीन पंचायत योजना’ की प्रगति की भी समीक्षा की तथा परियोजना के कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने निर्माणाधीन 450 मेगावाट क्षमता की शोंग टोंग जल विद्युत परियोजना की समीक्षा भी की।


Post a Comment

0 Comments

लगातार सात दिन बरसेंगे बादल हिमाचल में