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प्रतिमाह नहीं मिलेगी सरकारी योजनाओं पर सब्सिडी

                                        सब्सिडी प्रतिमाह की जगह तीन माह या एक साल बाद ही जारी होगी

शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट 

हिमाचल प्रदेश में अब प्रतिमाह सरकारी योजनाओं पर सब्सिडी और ग्रांट इन एड जारी नहीं होगी। वित्त विभाग ने अगस्त 2023 के निर्देशों को वापस लेते हुए अब पूर्व की तरह त्रैमासिक या वार्षिक आधार पर ही पैसा जारी करने का फैसला लिया है।

विभिन्न विभागों की ओर से पुरानी व्यवस्था को ही जारी करने के प्रस्ताव भेजे गए थे। अग्रिम राशि निकालने या उन्हें बैंक खातों में जमा करने से रोक लगने से विभागों को दिक्कतें पेश आ रही थीं।इन प्रस्तावों पर गौर करने के बाद प्रधान सचिव वित्त देवेश कुमार की ओर से सभी प्रशासनिक सचिवों और विभागाध्यक्षों को शुक्रवार को जारी किए पत्र में आठ अगस्त 2023 से पूर्व की प्रक्रिया का ही पालन करने के निर्देश दिए गए हैं। इस व्यवस्था के चलते अब कृषि-बागवानी सहित अन्य सरकारी योजनाओं की सब्सिडी प्रतिमाह की जगह तीन माह या एक साल बाद ही जारी होगी।बिजली सब्सिडी पर इस फैसले का कोई असर नहीं पड़ेगा। बिजली सब्सिडी प्रतिमाह ही मिलती रहेगी। पत्र में कहा गया कि प्रदेश सरकार ने राज्य योजनाओं के तहत सहायता अनुदान और सब्सिडी की मासिक रिलीज को अनिवार्य करने वाले अपने पहले के निर्देश को रद्द कर दिया है। 

8 अगस्त 2023 को जारी अपने पिछले निर्देशों को आधिकारिक रूप से वापस ले लिया है, जिससे विभागों को राज्य द्वारा वित्त पोषित योजनाओं के तहत धन वितरण में अधिक लचीलापन मिल गया है।वापस लिए गए निर्देश में सभी विभागों को सख्त वित्तीय निगरानी और चरणबद्ध व्यय सुनिश्चित करने के लिए तिमाही या वार्षिक के बजाय मासिक आधार पर सहायता अनुदान और सब्सिडी जारी करने का निर्देश दिया गया था। इसने विभागों को अग्रिम राशि निकालने या उन्हें बैंक खातों में जमा करने से रोक दिया था। इन मामलों में विभागीय बैंक खाते रखे गए थे, उनमें विभागों को वित्त विभाग से पूर्व अनुमोदन प्राप्त करना और अर्जित ब्याज को राजकोष में वापस जमा करना आवश्यक था।अब जारी नए आदेशों के तहत अगस्त 2023 के दिशा-निर्देश तत्काल प्रभाव से वापस ले लिए गए हैं। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि यह कदम विकास योजनाओं को लागू करने में अधिक स्वायत्तता और दक्षता प्रदान करेगा, खासकर उन क्षेत्रों में जहां एकमुश्त या मौसमी फंडिंग परिचालन रूप से अधिक व्यवहार्य है।



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