नालों में तलाश में जुटी एसडीआरएफ टीम
मंडी,ब्यूरो रिपोर्ट
हिमाचल प्रदेश के सराज घाटी में आपदा को 24 दिन हो चुके हैं, लेकिन लापता 27 लोगों का अब तक कोई सुराग नहीं मिला। उम्मीद की डोर थामे एसडीआरएफ के जवान रोजाना आठ से दस किलोमीटर दुर्गम पहाड़ी रास्तों से गुजरते हुए खड्डों और नालों को खंगाल रहे हैं।
थुनाग और पंडोह में चल रहे इस अभियान की कमान एसडीआरएफ मंडी की महिला इंस्पेक्टर खीला देवी संभाल रही हैं। लाइफ जैकेट पहने और हाथों में डंडे लिए उनकी टीम सुबह 8:00 बजे शिविर से निकलती है और शाम छह बजे लौटती है। कुल्लू के बंजार की रहने वाली इंस्पेक्टर खीला बताती हैं कि कई जगह खड्डों तक पहुंचने के लिए सीढ़ियां बनानी पड़ रही हैं, चट्टानों के नीचे और मलबे में भी खोज की जा रही है।थुनाग के डेगी गांव, लंबाथाच और जंजैहली के पांडव शीला क्षेत्र में घर-घर खोज की गई है।
उनका कहना है कि डेगी गांव आपदा से इतना बदल गया है कि अब पहचानना मुश्किल है कि यहां कभी कोई रहता था। कई बार बारिश सर्च अभियान में बाधा बनती है, फिर भी खीला देवी और उनकी टीम हैड कांस्टेबल देवेंद्र, कांस्टेबल राकेश, जगदीश, संजय, रमन और विक्रांत के साथ लगातार जुटी हुई है। पंडोह से पटेखरी तक भी एसडीआरएफ का सर्च अभियान जारी है। एसपी एसडीआरएफ अर्जित सेन के मुताबिक उपायुक्त ने अभियान को दो दिन और बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। लापता लोगों को खड्डों और नालों में तलाशा जा रहा है।
0 Comments