कथित रूप में की गई धोखाधड़ी और दुर्व्यवहार के कारण हुई बताई गई
शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट
हाईकोर्ट ने एक मोटर दुर्घटना दावा मामले में अपील दायर करने में हुई 8 साल 8 महीने और 14 दिन की देरी को माफ कर दिया है। यह देरी याचिकाकर्ता के वकील की ओर से कथित रूप में की गई धोखाधड़ी और दुर्व्यवहार के कारण हुई बताई गई है।
न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर की एकल पीठ ने इस मामले में बार काउंसिल आफ हिमाचल प्रदेश और शिमला के पुलिस अधीक्षक को भी जांच कर कार्रवाई करने का निर्देश दिए हैं। अदालत में यह आदेश रमा देवी और अन्य बनाम इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के मामले में दिया है। याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाए हैं कि उनके अधिवक्ता ने उन्हें मुआवजे की राशि जारी करने और उच्च न्यायालय में अपील दायर करने के नाम पर कोरे कागज पर हस्ताक्षर करवा लिए थे।
आरोप लगाया गया है कि उन्हें मुआवजे की पहली किस्त के रूप में 6 लाख रुपए मिले, जिनमें से 3.5 लाख रुपए उन्होंने वकील को फीस के तौर पर दिए। उन्होंने कहा कि वकील ने उन्हें आश्वासन दिया था कि शेष राशि जल्द ही जारी कर दी जाएगी। याचिकाकर्ता ने दिसंबर 2023 में बार काउंसिल आफ हिमाचल प्रदेश के अध्यक्ष और नवंबर 2023 में शिमला के पुलिस अधीक्षक को शिकायतें दर्ज कराई थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। अदालत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए इस मामले में कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
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