नेहरू अस्पताल में भी एक पीएसीएस यूनिट स्थापित किया जाएगा
शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट
आईजीएमसी शिमला, लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज मंडी, डॉ. यशवंत सिंह परमार मेडिकल कॉलेज नाहन, मेडिकल कॉलेज चंबा और एआईएमएसएस चमियाना में हाई-रेजोल्यूशन 1.5 टेस्ला और 3 टेस्ला एमआरआई मशीनें लगाई जाएंगी।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा है कि छह मेडिकल कालेजों और एआईएमएसएस चमियाना में दो अत्याधुनिक सीटी इमेजिंग मशीनें, पांच मोबाइल डिजिटल रेडियोग्राफी (डीआर) इकाइयां, दो सीलिंग-सस्पेंडेड डीआर एक्स-रे मशीनें, कलर डॉपलर के साथ दो उच्च स्तरीय अल्ट्रासाउंड मशीनें, एक मैमोग्राफी यूनिट और एक पिक्चर आर्काइविंग एंड कम्युनिकेशन सिस्टम (पीएसीएस) उपलब्ध कराया जाएगा।मुख्यमंत्री ने कहा कि मरीजों की सुविधा के लिए शिमला के कमला नेहरू अस्पताल में भी एक पीएसीएस यूनिट स्थापित किया जाएगा। प्रत्येक मेडिकल कॉलेज को चार पोर्टेबल अल्ट्रासाउंड मशीनें और एक रेडियोलॉजी वर्क स्टेशन मिलेगा, जो 3डी सॉफ्टवेयर से लैस होगा।
इन अत्याधुनिक उपकरणों से मरीजों को शीघ्र, सटीक और विश्वसनीय स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं मिलेंगी। अस्पतालों में डायग्नोस्टिक सेवाओं के सुदृढ़ीकरण के लिए विस्तृत ब्लूप्रिंट तैयार किया है।मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में डायग्नोस्टिक मशीनें 15 से 20 वर्ष पुरानी हैं। इन पुरानी मशीनों से चिकित्सकों को मरीजों में बीमारियों की सटीक जानकारी नहीं मिल पाती है। इन चुनौतियों पर पार पाने के लिए मुख्यमंत्री ने अस्पतालों में पुरानी मशीनों को नए आधुनिक उपकरणों से बदलने के निर्देश दिए हैं। राज्य सरकार व्यवस्था परिवर्तन के तहत केंद्रित पहलों से प्रदेश के स्वास्थ्य क्षेत्रों को 606.70 करोड़ रुपये व्यय करेगी, जिनमें से 207.50 करोड़ रुपये विशेष रूप से प्रदेशभर में डायग्नोस्टिक सेवाओं को सुदृढ़ करने पर खर्च होंगे।
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