नशीले पदार्थों के सेवन और नशीली दवाओं की तस्करी गंभीर समस्या बन गई
शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट
राज्यसभा सांसद और भाजपा के प्रदेश महामंत्री डॉ. सिकंदर कुमार ने सोमवार को संसद में मानसून सत्र के पहले दिन सदन में युवाओं में बढ़ती नशे की लत और इसके प्रभावों का विषय उठाया। उन्होंने कहा कि वर्तमान में हिमाचल प्रदेश सहित कई राज्यों में नशे की समस्या से जुड़ी चुनौतियों का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है।
युवा वर्ग में नशीले पदार्थों के सेवन और नशीली दवाओं की तस्करी गंभीर समस्या बन गई है।राज्यसभा सांसद ने केंद्र सरकार से इस विषय पर गंभीरता से विचार करने का आग्रह किया और इस समस्या के निदान के लिए सख्त नीति और कड़े कानून के प्रावधान की मांग की। उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण पाठ्यक्रम के रूप में मादक पदार्थों की लत इसके प्रभाव और नशामुक्ति अध्याय को शामिल करने की मांग रखी।डॉ. सिकंदर कुमार ने सदन के माध्यम से कोयला और खान मंत्री से जानना चाहा कि क्या सरकार ने हिमाचल प्रदेश के औद्योगिक नगर बद्दी में अनिवार्य पर्यावरणीय स्वीकृति प्राप्त किए बिना अवैध रेत खनन के मामलों में विनियामक उल्लंघनों की अनदेखी को लेकर राज्य खनन विभाग को काई निर्देश जारी किए हैं?
हिमाचल प्रदेश में पिछले तीन वर्षों के दौरान अवैध रेत खनन के कारण अनुमानित नुकसान का ब्योरा क्या है? हिमाचल प्रदेश में अवैध रेत खनन को रोकने और लघु खनिजों के अवैध भंडारण और बिक्री के खिलाफ की गई कार्यवाही और उठाए गए कदमों का ब्यौरा क्या है?जवाब में केंद्रीय कोयला और खान मंत्री किशन रेड्डी ने बताया कि एमएमडीआर अधिनियम 1957 की धारा 15 के तहत राज्य सरकारों को गौण खनिजों के संबंध में खदान पट्टों या अन्य खनिज रियायतों के अनुदान को विनियमित करने और उनसे संबंधित प्रयोजनों के लिए नियम बनाने का अधिकार दिया गया है। राज्य सरकारों को खनिजों के अवैध खनन, ढुलाई और भंडारण को रोकने और उनसे संबंधित मामलों के लिए नियम बनाने का अधिकार दिया गया है इसलिए अवैध खनन पर नियंत्रण करना मुख्य रूप से राज्य सरकार का उत्तरदायित्व है।
0 Comments