Ticker

6/recent/ticker-posts

Header Ads Widget

प्रदेश में किन्नौर कैलाश की यात्रा शुरू

                                               भोलेनाथ के जयकारे लगाते रवाना हुआ श्रद्धालुओं का जत्था

किन्नौर,ब्यूरो रिपोर्ट 

19,850 फीट की ऊंचाई पर स्थिति किन्नौर कैलाश की यात्रा मंगलवार से शुरू हो गई है। सुबह श्रद्धालु भोलेनाथ के जयकारे लगाते हुए यात्रा पर निकले। यात्रा 30 अगस्त तक चलेगी। पहले यह यात्रा केवल 15 दिन के लिए थी, लेकिन इस बार श्रद्धालुओं की सुविधा को देखते हुए इसकी अवधि बढ़ाकर 45 दिन कर दी गई है। यात्रा मार्ग पर 20 पुलिस कर्मी और होमगार्ड के जवान तैनात रहेंगे। 

इनके साथ सात वन विभाग के कर्मचारी और तीन मेडिकल स्टाफ सहित चिकित्सक भी मौजूद रहेंगे।सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने के लिए छह सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, इनमें दो बेस कैंप तांगलिंग गांव में, दो मीलिंग खट्टा में और दो गुफा में स्थापित किए गए हैं। रास्ते में पीने के पानी की व्यवस्था के साथ 13 शौचालयों का निर्माण भी किया। श्रद्धालुओं की संख्या को नियंत्रित करने और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिदिन केवल 350 यात्रियों को ही आगे बढ़ने की अनुमति होगी। इन स्लॉट को तीन श्रेणियों में बांटा गया है 125 यात्री ऑफलाइन माध्यम से पंजीकरण करा सकेंगे, 175 ऑनलाइन माध्यम से और शेष 50 स्लॉट किन्नौर टूरिज्म एसोसिएशन को दिए गए हैं। 

जिला पर्यटन अधिकारी एवं उपमंडाधिकारी कल्पा, अमित कल्थाइक ने बताया कि यात्रियों की सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। यात्रा सुबह 6:00 बजे शुरू हुई। वहीं तांगलिंग से यात्रा के लिए सुबह 6:00 बजे से दोपहर 1:00 बजे तक ही अनुमति दी जाएगी, उसके बाद यात्रा प्रतिबंधित रहेगी। बेस कैंप  मेलिंग खट्टा से आगे किन्नौर कैलाश के लिए रात 1:00 से सुबह 6:00 बजे तक ही यात्रा की जा सकेगी और इस दौरान किसी भी श्रद्धालु को बीच में रुकने की अनुमति नहीं होगी। प्रशासन ने स्थानीय पंचायतों के लोगों से जिला प्रशासन का सहयोग करने का आह्वान किया है ताकि यात्रा का सफल आयोजन सुगमता के साथ पूर्ण हो सके। 45 दिन तक चलने वाली यह यात्रा पूरी तरह से मौसम पर निर्भर रहेगी। जिला प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए हैं।  इस वर्ष किन्नौर कैलाश यात्रा तांगलिंग गांव से शुरू किया है। सभी यात्रियों के लिए पंजीकरण पत्र और चिकित्सा प्रमाण पत्र लाना अनिवार्य होगा।



Post a Comment

0 Comments

सेब के बगीचों की देखरेख करने में हिमाचल सरकार ने किये हाथ खड़े