अगर बच्चों ने भीख मांगी तो अभिभावकों को मिलेगी सजा
पालमपुर,रिपोर्ट नेहा धीमान
अगर बच्चों ने भीख मांगी तो अभिभावकों को मिलेगी सजा । पंजाब के मुख्यमन्त्री श्री भगवंत सिंह मान जी के इस एलान के उपरान्त हिमाचल प्रदेश के मान्य उच्च न्यायालय की भी टिप्पणी शिमला में जगह जगह नज़र आते हैं भिखारी।
इस विषय को आगे बढाते हुए समाज सेवा में समर्पित इन्साफ संस्था के अध्यक्ष एवं पालमपुर के पूर्व विधायक प्रवीन कुमार ने कहा 30 अगस्त 2018 को तत्कालीन खाध आपूर्ति मन्त्री किशन कपूर जी से मिलकर इन्साफ संस्था ने तर्क के साथ प्रस्ताव प्रेषित किया था कि आप विभाग हिमाचल प्रदेश को भीख मुक्त प्रदेश बनाने की नीति पर विचार करे । प्रवीन कुमार ने बताया संस्था के इस प्रस्ताव को मन्त्री महोदय ने बड़ी गम्भीरता से लिया था ।सात वर्ष पहले प्रस्ताव की नकल प्रति मीडिया को प्रेषित करते हुए इन्साफ संस्था के अध्यक्ष एवं पालमपुर के पूर्व विधायक प्रवीन कुमार ने उस वक्त मन्त्री महोदय का ध्यान इस ओर आकर्षित करते हुए कहा था प्रायः मन्दिरों , वस अड्डों , रेलवे स्टेशनों व चोराहों में जहाँ भी जाएं भिखारियों को भीख मांगते देख पीड़ा होती है।
जव यही भिखारी विदेशी पर्यटकों से भी भीख मांगते हैं तो यहाँ प्रगतिशील हिमाचल के नारे की हवा निकल जाती है। ऐसे में इन भिखारियों को खदेड़ा न जाए बल्कि प्रदेश के सभी एस डी एम महोदय के माध्यम से धरातल पर इनका सर्वे अर्थात अध्ययन करवाकर डाटा एकत्रित किया जाए कि ये भिखारी हैं कहां कहां से हैं। अगर भिखारी नावालिक है तो उसे राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत शिक्षा दीक्षा का प्रावधान अगर प्रोढ हैं तो मनरेगा एक्ट से लाभान्वित किया जाए । इसके अतिरिक्त मुताबिक रिपोर्ट उप मण्डल अधिकारी (ना) अगर वाक्य ही भुखमरी से इन्हें खाने के लाले पड़े हैं तो ऎसे पात्र परिवारों के लिए भीख अधिकार नहीं अभिशाप है के आधार पर नीति बनाकर भीख मुक्त हिमाचल बनाने का संकल्प लेकर मन्त्रिमण्डल में चर्चा हो । लेकिन उसके वाद श्री किशन कपूर जी द्वारा लोकसभा में चले जाने के कारण संस्था की यह प्रस्तावना ठण्डे वस्ते में ही पड कर रह गई ।
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