प्रियंका धीमान बनीं युवाओं के लिए मिसाल
ज्वाली,रिपोर्ट राजेश कतनौरिया
जवाली विधानसभा क्षेत्र के तहत एक छोटे से गांव घाडजरोट की बेटी प्रियंका धीमान ने अपनी मेहनत और लगन से बड़ा मुकाम हासिल किया है। प्रियंका ने अपने पहले ही प्रयास में प्रतिष्ठित यूजीसी-नेट (राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा) पास कर इतिहास रच दिया है।
प्रियंका धीमान एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखती हैं। उनके पिता रंजीत सिंह एक मिस्त्री (कारपेंटर) हैं और माता एक गृहिणी हैं। आर्थिक परिस्थितियां सामान्य होते हुए भी प्रियंका ने कभी हार नहीं मानी और निरंतर अध्ययन में लगी रहीं।उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला घाडजरोट से पूरी की, जहां से उन्होंने 10वीं और 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की। इसके बाद उन्होंने नगरोटा सूरियां से स्नातक की डिग्री प्राप्त की।
प्रियंका ने आगे की पढ़ाई हिमाचल प्रदेश के क्षेत्रीय केंद्र विश्वविद्यालय धर्मशाला से पूरी की, जहां से उन्होंने राजनीति शास्त्र में पोस्ट ग्रेजुएशन (एम.ए.) की डिग्री हासिल की।प्रियंका धीमान बताती हैं कि इस सफलता का श्रेय वे अपने माता-पिता के आशीर्वाद, शिक्षकों के मार्गदर्शन और अपनी मेहनत को देती हैं। उन्होंने कहा कि सही मार्गदर्शन और निरंतर अभ्यास से किसी भी लक्ष्य को पाया जा सकता है।प्रियंका अब गांव की विद्यार्थियों के लिए प्रेरणा बन चुकी हैं, खासकर उन छात्राओं के लिए जो सीमित संसाधनों में भी कुछ बड़ा करना चाहती हैं।प्रियंका की सफलता यह दर्शाती है कि अगर लगन हो तो कोई भी सपना साकार किया जा सकता है, चाहे परिस्थितियां कैसी भी हों।
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