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बागवान को करीब 15 साल के लंबे इंतजार के बाद न्याय मिला

                                                   क्षतिग्रस्त सेब के पौधों का 15.56 लाख मुआवजा

शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट 

बागवान को करीब 15 साल के लंबे इंतजार के बाद न्याय मिला है। जिला एवं सत्र न्यायालय ने तहसील जुब्बल के चंदर सिंह दिल्टा को लोक निर्माण विभाग सचिव, मुख्य अभियंता सह परियोजना निदेशक, राज्य सड़क परियोजना और लॉन्ग जियान रोड एंड ब्रिज कंपनी (चीन की कंपनी) के परियोजना प्रबंधक से 15,56,868 रुपये की राशि वसूलने के आदेश दिए हैं।

साथ ही वाद दायर करने की तिथि से राशि के वास्तविक भुगतान की तिथि तक 5 प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से ब्याज का हकदार माना है। सिविल न्यायाधीश अपूर्व राज ने यह फैसला सुनाया है।दरअसल साल 2010 में ठियोग-कोटखाई-हाटकोटी सड़क को चौड़ा करने का कार्य शुरू हुआ। वादी का दावा है कि प्रतिवादियों ने सड़क के चौड़ीकरण/कटाई का कार्य लापरवाही और अव्यवस्थित तरीके से शुरू किया गया। इसके कारण सितंबर में मोहाल सुंडली में उसकी 00-02-76 और 00-01-30 हेक्टेयर भूमि धंस गई। 

इससे 12 से 20 साल पुराने 23 सेब के पेड़ों को भी नुकसान पहुंचा। आरोप लगे थे कि यह नुकसान प्रतिवादियों की ओर से वादी भी भूमि और बगीचे की सुरक्षा के लिए अवरोधक दीवारों (रिटेनिंग वॉल) के रूप में उचित उपाय न करने के कारण हुआ। इसी आधार पर वादी ने क्षतिपूर्ति के अलावा अनिवार्य निषेधाज्ञा का का दावा किया है। उधर, अदालत ने याचिका को आंशिक रूप से स्वीकार किया। अदालत ने स्पष्ट किया है कि प्रतिवादी, वाद दायर करने की तिथि से राशि के वास्तविक भुगतान की तिथि तक पांच प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से ब्याज सहित अदा करने के लिए उत्तरदायी हैं।


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बागवान को करीब 15 साल के लंबे इंतजार के बाद न्याय मिला