कोर्स के माध्यम से समाज निर्माण की दिशा में विवि की ऐतिहासिक पहल
काँगड़ा,ब्यूरो रिपोर्ट
केंद्रीय विश्वविद्यालय धर्मशाला ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की भावना के अनुरूप एक अत्यंत महत्वपूर्ण और नवाचारपूर्ण शैक्षणिक पहल की ओर कदम बढ़ाया है। विश्वविद्यालय की ओर से 2025-26 शैक्षणिक सत्र से 20 क्रेडिट का एक अनिवार्य स्किल कोर्स सभी विद्यार्थियों के लिए शुरू किया जा रहा है। यह कोर्स विश्वविद्यालय के प्रत्येक विभाग, प्रत्येक स्कूल तथा सभी अध्ययन केंद्रों के शिक्षार्थियों के लिए आवश्यक होगा।
इसका उद्देश्य विद्यार्थियों को न केवल ज्ञान की पुस्तकीय परिधि में सीमित रखना है, अपितु उन्हें समाज के वास्तविक जीवन, परंपराओं, पर्यावरण, शिल्प, प्रशासन और संस्कृति से गहराई से जोड़ना भी है। यह पाठ्यक्रम लोक परंपरा, सांस्कृतिक विविधता, लोक साहित्य, पर्यावरणीय ज्ञान, हस्तकला, पर्यटन तथा जनसामान्य की आजीविका संबंधी व्यवस्थाओं के व्यावहारिक अध्ययन के माध्यम से विद्यार्थियों को समाज का सहभागी बनाना चाहता है। इसके माध्यम से छात्र अपने गृहनगर, गांव, समुदाय और उनके अनुभवों से शिक्षा प्राप्त करेंगे। अपनी जड़ों को समझते हुए वैश्विक सोच का निर्माण करेंगे।केंद्रीय विश्वविद्यालय धर्मशाला के कुलपति प्रो. सत प्रकाश बंसल ने कहा कि इस पाठ्यक्रम में उदाहरण स्वरूप पर्यावरण और स्थायित्व, लोक साहित्य, लोककला और हस्तशिल्प, लोक यायावरी और सांस्कृतिक पर्यटन, लोक प्रशासन, लोक प्रबंधन, लोक शास्त्र और लोक नाट्य जैसे विषय सम्मिलित किए गए हैं, जिनमें 2 और 4 क्रेडिट के कोर्स होंगे। इसके अतिरिक्त कुछ नई विषय वस्तुओं को भी सम्मिलित किया है जिनका सीधा संबंध समाज की भूमि से है।
जैसे स्थानीय स्वास्थ्य परंपराएं, महिला स्व-सहायता समूहों की भूमिका, स्थानीय व्यंजन और पोषण, सामुदायिक सम्वाद, जनजातीय जीवन और रीति नीति, स्थानीय आपदाएं और सामाजिक पुनर्निर्माण, ग्राम योजना, देसी खेल और श्रमदान एवं नैतिक शिक्षा।कुलपति ने कहा कि इस प्रकार का पाठ्यक्रम विद्यार्थियों को केवल डिग्री प्रदान नहीं करेगा, बल्कि उन्हें स्थानीय नेतृत्वकर्ता, सामाजिक उद्यमी और जागरूक नागरिक बनने की दिशा में प्रेरित करेगा। इस कार्यक्रम की शिक्षण-पद्धति पूर्णतया व्यवहारिक और सहभागी होगी। इसमें विद्यार्थियों को फील्ड विजिट, समुदाय संवाद, इंटर्नशिप, परियोजना कार्य, लोककलाकारों व पारंपरिक जानकारों के साथ संवाद और प्रत्यक्ष अनुभव प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। मूल्यांकन में भी पारंपरिक परीक्षा प्रणाली के साथ फील्ड रिपोर्ट, समूह कार्य, प्रस्तुति और लोक अभिनयन जैसे घटकों को प्रमुखता दी जाएगी।हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड मुख्यालय में चार अगस्त से दो वर्षीय डिप्लोमा इन एलिमेंटरी एजुकेशन की सरकारी और निजी संस्थानों में सीटें भरने के लिए काउंसलिंग प्रक्रिया तीसरे दिन भी जारी रही। काउंसलिंग के तीसरे दिन बोर्ड प्रबंधन ने 350 अभ्यर्थियों को शार्टलिस्ट किया था, जबकि काउंसलिंग के लिए 218 अभ्यर्थी पहुंचे। वहीं वीरवार को भी काउंसलिंग प्रक्रिया जारी रहेगी।
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