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गुरुवार को बारिश से कुछ राहत मिली, लेकिन दुश्वारियां बरकरार

                                    राज्य में भूस्खलन से 496 सड़कें और 1120 बिजली ट्रांसफार्मर बाधित

शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट 

हिमाचल प्रदेश में गुरुवार को बारिश से कुछ राहत मिली, लेकिन दुश्वारियां बरकरार हैं। राज्य में जगह-जगह भूस्खलन से सैकड़ों सड़कों सहित बिजली और पेयजल की आपूर्ति ठप है। गुरुवार सुबह 10:00 बजे तक राज्य में तीन नेशनल हाईवे सहित 496 सड़कें बंद रहीं।

1120 बिजली ट्रांसफार्मर व 245 जल आपूर्ति योजनाएं भी प्रभावित हैं। मंडी जिले में सबसे अधिक 277 सड़कें व  265 बिजली ट्रांसफार्मर प्रभावित हैं। कांगड़ा जिले में 120 जल आपूर्ति योजनाएं प्रभावित हैं।शिमला में शैलेडे स्कूल के पास विज्ञान प्रौद्योगिकी और जलवायु परिवर्तन विभाग के कार्यालय की छत पर पेड़ गिर गया। इससे छत को नुकसान पहुंचा है। वहीं कनलोग के पास खलीनी-टूटीकंडी बाईपास पर भी एक पेड़ गिर गया। वहीं बुधवार को रामपुर में दो और कुल्लू जिले के निरमंड खंड की रहाणू पंचायत के उर्दू गांव में एक जगह नौणी नाले में बादल फटने से अफरातफरी मच गई। 

रामपुर में रात 10:30 बजे दो जगह बादल फटे। डंसा के शांदल नाले में बादल फटने से बाढ़ आ गई। तकलेच के दर्शन नाले में भी बादल फटने से नोगली खड्ड में जलस्तर बढ़ गया। दरशल में सड़क को क्षति पहुंची है।प्रदेश में इस मानसून सीजन में 20 जून से 6 अगस्त तक 199 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। 304 लोग घायल हुए हैं। 36 लोग अभी भी लापता हैं। इस दाैरान 86 लोगों की सड़क हादसों में माैत हुई है।  बादल फटने, भूस्खलन, बाढ़ से अब तक 2,084 कच्चे-पक्के घरों, दुकानों को क्षति हुई है। 1,690 गोशालाएं भी क्षतिग्रस्त हुई हैं। 1,570 पालतु पशुओं की माैत हुई है। नुकसान का कुल आंकड़ा 1,90,550.45 लाख रुपये पहुंच गया है।


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