हिमाचल विधानसभा के इतिहास का चौथा बड़ा सत्र
शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट
हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र में 830 से ज्यादा प्रश्न उठेंगे। इनमें प्राकृतिक आपदा, बाढ़ से नुकसान, पुनर्वास, स्कूलों का विलय, सड़क और पुल निर्माण जैसे अहम मुद्दे शामिल हैं। कई प्रश्नों पर बहस होगी तो कई के जवाब सीधे सदन के पटल पर रखे जाएंगे।
विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने वीरवार को प्रेसवार्ता में बताया कि मानसून सत्र 18 अगस्त को अपराह्न 2 बजे शुरू होगा और 2 सितंबर तक चलेगा। यह चौदहवीं विधानसभा का नाैवां सत्र होगा, जिसमें कुल 12 बैठकें प्रस्तावित हैं। 21 और 28 अगस्त को गैर-सरकारी सदस्य कार्य दिवस होंगे। सदस्य 18 अगस्त तक अपनी सूचनाएं विधानसभा सचिवालय को भेज सकते हैं।पठानिया ने बताया कि यह सत्र विधानसभा इतिहास का चौथा सबसे बड़ा मानसून सत्र होगा। इससे पहले 1962 में 13, 1968 में 15 और 2009 में 17 बैठकें आयोजित हुई थीं। चौदहवीं विधानसभा के अब तक आठ सत्रों में 73 बैठकें हो चुकी हैं और इस सत्र के बाद यह संख्या 85 हो जाएगी। 18 अगस्त को सत्र की शुरुआत शोकोद्गार के साथ होगी।
उन्होंने बताया कि अब तक सदस्यों से प्रश्नों संबंधी कुल 830 सूचनाएं मिली हैं, जिनमें 679 तारांकित और 151 अतारांकित प्रश्न हैं। इन्हें नियमानुसार सरकार को भेजा गया है। इसके अलावा नियम 62 के तहत 10, नियम 101 के तहत 6 और नियम 130 के तहत 12 सूचनाएं भी मिली हैं। सदस्यों से प्राप्त सूचनाएं मुख्य रूप से प्राकृतिक आपदा और बाढ़ से हुए नुकसान, प्रभावितों के पुनर्वास, सरकार की ओर से आपदा से निपटने के लिए किए प्रयास, स्कूलों का विलय, सड़क व पुल निर्माण, विभागों में रिक्त पदों की भर्ती, युवाओं में नशे की रोकथाम और कर्मचारियों की देनदारियों के भुगतान से जुड़ी हैं।पठानिया ने बताया कि 18 अगस्त को दोपहर 12 बजे सर्वदलीय बैठक बुलाई गई है, जिसमें संसदीय कार्यमंत्री, नेता प्रतिपक्ष, राज्य सरकार के उप मुख्य सचेतक और भाजपा विधायक दल के मुख्य सचेतक शामिल होंगे। सत्र के सफल आयोजन के लिए विधानसभा सचिवालय ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं।
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