कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर को अभी नहीं मिलेगा स्थाई कुलपति
शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट
प्रदेश सरकार ने राजभवन द्वारा दो विश्वविद्यालयों में कुलपति के चयन को लेकर चल रही प्रक्रिया को रोक दिया है। इस संबंध में जारी किए गए विज्ञापन को भी वापस ले लिया है और कहा है कि इस मामले में पहले विधानसभा के मानसून सत्र में संशोधित विधेयक लाया जाएगा। पुराने विधेयक को राजभवन से मंजूरी नहीं मिली थी और राजभवन में इसमें कुछ आपत्तियां दर्ज की थी।
उन आपत्तियों को दूर करते हुए सरकार ने दोबारा से विधानसभा में संशोधित विधेयक लाने को कहा है। ऐसे में राजभवन द्वारा कुलपति चयन को लेकर चल रही प्रक्रिया को रोक दिया गया है और जारी विज्ञापन को वापस ले लिया गया है। बता दें कि 12 अगस्त तक इच्छुक उम्मीदवारों से आवेदन करने को कहा गया था। बाकायदा राज्यपाल ने सर्च कमेटी भी बना दी थी और इस सर्च कमेटी ने आए हुए आवेदनों में से नाम चुनकर पैनल तैयार करना था।इस पैनल में तीन-तीन नाम देने को कहा गया था, क्योंकि अभी तक राज्यपाल के पास ही कुलपति के चयन की शक्तियां हैं और उसी आधार पर राजभवन ने दो विश्वविद्यालयों जिसमें हिमाचल प्रदेश कृषि, बागबानी और वाणिकी विश्वविद्यालय नौणी व पालमपुर शामिल हैं, में कुलपति के चयन की प्रक्रिया को शुरू किया था।
राजभवन ने अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए यह चयन प्रक्रिया शुरू की थी, परंतु सरकार ने इसे नहीं माना है, क्योंकि सरकार कुलपति की नियुक्ति की शक्तियां अपने पास रखना चाहती है और उसे देखते हुए राजभवन द्वारा कुलपति चयन को मांगे गए आवेदन की प्रक्रिया को रोक दिया है। सोमवार को कृषि विभाग की तरफ से इस पर अधिसूचना जारी की गई है, जोकि कृषि सचिव सी.पालरासू की तरफ से जारी हुई है। सरकार ने पिछले विधानसभा के सत्र में एक विधेयक भी पारित किया था। इस विधेयक का नाम हिमाचल प्रदेश कृषि, बागबानी और वानिकी विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक 2023 था। वर्ष 2023 के मानसून सत्र में ही इसे पारित किया गया था मगर तब से लेकर अभी तक राजभवन से इसे मंजूरी नहीं मिल पाई थी। लगभग दो बार इस विधेयक को राजभवन भेजा गया, मगर वहां से मंजूरी नहीं मिल पाई। ऐसे में सरकार ने अब नए सिरे से आपत्तियों को दूर करते हुए संशोधित विधेयक इसी मानसून सत्र में लाने का निर्णय लिया है।
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