इस मामले पर 3 सितंबर को फिर से सुनवाई होगी
शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट
हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना को छह महीने का सेवा विस्तार देने के औचित्य की जांच के लिए केंद्र और राज्य सरकारों से पूरा रिकॉर्ड तलब किया है।
मुख्य न्यायाधीश गुरमीत सिंह संधावालिया और न्यायमूर्ति रंजन शर्मा की खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार से विस्तार को मंजूरी देते समय बताए गए सटीक कारण और जनहित की प्रकृति का विवरण देने को कहा। पीठ ने उस कानूनी प्राधिकार पर भी स्पष्टता मांगी, जिसके तहत केंद्र ने यह मंजूरी दी है। इस मामले पर 3 सितंबर को फिर से सुनवाई होगी।केंद्र सरकार ने अपने जवाब में कहा कि जनहित को देखते हुए सक्सेना का कार्यकाल बढ़ाने के राज्य सरकार के अनुरोध को स्वीकार कर लिया गया है।
हालांकि, अदालत ने दोनों सरकारों को जांच के लिए सभी संबंधित रिकॉर्ड पेश करने के निर्देश दिए। याचिकाकर्ता अतुल शर्मा की ओर से दायर जनहित याचिका में 28 मार्च 2025 के उस आदेश को रद्द करने की मांग की गई है, जिसमें सक्सेना की सेवा अवधि 30 सितंबर 2025 तक बढ़ा दी गई थी। याचिका में आरोप लगाया गया है कि कई आरोपों का सामना करने के बावजूद उनका नाम संदिग्ध निष्ठा वाले अधिकारियों की सूची से हटा दिया गया, जो कथित तौर पर संविधान के अनुच्छेद 123 का उल्लंघन है।
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