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सर्दी में कंपकंपाती ठंड और गर्मी में पसीने से तर बतर नौनिहाल

                             भवन ढहा, दो कमरे असुरक्षित, खैरियां स्कूल में बरामदे में चल रहीं कक्षाएं

काँगड़ा,ब्यूरो रिपोर्ट 

बरसात में बारिश की बौछार, सर्दी में कंपकंपाती ठंड और गर्मी में पसीने से तर बतर नौनिहाल.. यही है देहरा विधानसभा क्षेत्र की राजकीय प्राथमिक पाठशाला खैरियां की तस्वीर। राप्रापा खैरियां में नौनिहालों को बैठने की व्यवस्थाएं पूरी तरह खस्ताहाल हैं।

खैरियां स्कूल के नौनिहाल पूरे साल स्कूल कार्यालय के बरामदे में बैठने को मजबूर हैं। या यूं कहें कि पहली से पांचवीं तक की कक्षाएं बरामदे में चलती हैं।स्कूल में करीब 17 नौनिहाल शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। इन नौनिहालों को शिक्षा देने का जिम्मा तीन अध्यापकों पर है। जब बारिश तेज होती हैं और बौछारें बरामदे तक पहुंचती हैं तो अध्यापकों और बच्चों को कार्यालय के कमरे में एक साथ बैठने पड़ता है। स्कूल प्रबंधन समिति के अध्यक्ष अमरजीत सिंह बताते हैं कि स्कूल के पुराने भवन को ढहे काफी साल हो चुके हैं।खस्ताहाल भवन के दो कमरे असुरक्षित हैं। इसके चलते बच्चे स्कूल कार्यालय के एक कमरे के बरामदे में बैठने को मजबूर हैं। स्कूल के नए भवन निर्माण को करीब साल 2011-12 में छह लाख रुपये आए थे। 

मगर जब स्कूल के निर्माण के दौरान स्कूल प्रशासन को पता चला कि जमीन वन विभाग के नाम है, तो तमाम प्रयासों के बावजूद स्वीकृत राशि खर्च नहीं हो पाई और बजट विभाग को वापस हो गया।एसएमएस कमेटी और स्कूल अध्यापकों द्वारा तमाम औपचारिकताएं पूरी करने के बाद संबंधित 7 कनाल भूमि को फॉरेस्ट क्लीयरेंस तो मिल गई, मगर वन विभाग की ओर से भूमि पर खड़े पेड़ों को काटने की एवज में एक लाख 12 हजार रुपये (कैंपा फंड) जमा कराने को कहा गया। इतनी राशि जमा कराने के लिए न तो शिक्षा विभाग आगे आया और न ही सरकार। इस कारण जमीन राप्रापा खैरियां के नाम नहीं हो सकी और नौनिहालों को नए भवन में पढ़ाई करने का सपना पूरा नहीं हो सका।जिस जगह पर स्कूल भवन है वह भूमि वन विभाग के नाम है। कैंपा फंड जमा नहीं होने के कारण जमीन स्कूल के नाम नहीं पाई है और स्कूल के 17 विद्यार्थी बरामदे में पढ़ाई को मजबूर हैं।


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