आपदा प्रभावितों को मिल चुका है काफी समय
काँगड़ा,ब्यूरो रिपोर्ट
हिमाचल प्रदेश राज्य चयन आयोग की ओर से जारी टीजीटी भर्ती में आवेदन तिथि को तीसरी बार बढ़ाने से परीक्षा का इंतजार लंबा हो गया है। अभ्यर्थियों ने बार-बार आवेदन तिथि को आगे बढ़ाने पर रोष जताया है। अभ्यर्थियों का कहना है कि दो बार आवेदन तिथि को बढ़ाने पर महज दो हजार अतिरिक्त अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है।
जबकि आवेदन करने अधिकतर अभ्यर्थी दस जुलाई से पहले ही आवेदन कर चुके हैं। राज्य चयन आयोग का तर्क है कि प्रदेश में आपदा के हालात को देखते हुए आवेदन तिथि को बढ़ाया गया है, ताकि कोई पात्र भर्ती से वंचित न रहे।टीजीटी के 937 पदों के लिए मई में आवेदन आमंत्रित किए गए थे। अभी तक इस भर्ती के लिए कुल 65,189 आवेदन प्राप्त हो चुके है। अब 31 अगस्त बजे तक अभ्यर्थी ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। पहले तीन जुलाई तक आवेदन की तिथि तय थी। इसे पहले 17 और 31 जुलाई तक बढ़ाया गया। खास बात यह कि नौ जुलाई तक ही 63 हजार के करीब अभ्यर्थियों ने आवेदन कर दिया था। इसके बाद 30 जुलाई तक आवेदन का आंकड़ा 65,189 तक पहुंचा है। लगभग दो हजार अभ्यर्थी अधिक बढ़े हैं।
टीजीटी आर्ट्स के 437, टीजीटी नॉन मेडिकल के 343 पद और टीजीटी मेडिकल के 169 पद भरे जाने हैं। मई माह में भर्ती का विज्ञापन जारी किया गया था।अभ्यर्थियों रीना देवी, रचना शर्मा, कांता देवी, राहुल शर्मा, अभिषेक ठाकुर का कहना है कि लगभग दो माह से आवेदन प्रक्रिया चल रही है। दो बार आवेदन की तिथि को आपदा का हवाला देकर बढ़ाया गया। आपदा से प्रभावित लोगों को आवेदन का मौका मिल गया था लेकिन अब परीक्षा में देरी की जा रही है।प्रारंभिक शिक्षा विभाग निदेशालय की ओर से आयोग को आवेदन तिथि को बढ़ाए जाने के लिए आग्रह किया गया था। आयोग की ओर से तिथि को बढ़ाया गया है। आपदाग्रस्त कुछ क्षेत्रों में बिजली और इंटरनेट की कनेक्टिविटी नहीं हो सकी है। ऐसे में पात्र अभ्यर्थी परीक्षा से वंचित न रहें यह जरूरी है। आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों से अपील है कि समय का सदुपयोग कर परीक्षा की तैयारी करें।
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