उच्च शिक्षा के लिए सरकार ने 20 लाख रुपये तक ऋण का किया प्रावधान
शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट
सरकार की ओर से घोषित 6,000 'चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट' अनाथ बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए सरकार ने 20 लाख रुपये तक ऋण का प्रावधान कर दिया है। ऐसे बच्चों को 1 प्रतिशत ब्याज पर यह ऋण मिलेगा। पात्र युवा इसके लिए आवेदन कर सकते हैं।
यह बात मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने पीटरहाॅफ में आयोजित अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में कही।उन्होंने कहा कि डॉ. वाईएस परमार विद्यार्थी ऋण योजना के तहत उच्च शिक्षा के लिए सरकार की ओर से वित्तीय सहायता दी जा रही है। सुक्खू ने कहा कि राज्य की 90 प्रतिशत आबादी गांवों में रहती है, लेकिन खेती अब मुख्य आजीविका नहीं रही। सरकार प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दे रही है और गेहूं, मक्की, कच्ची हल्दी और जौ के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रदान कर रही है।सीएम ने 12 अगस्त से 12 अक्तूबर तक चलने वाले एचआईवी जागरुकता अभियान का शुभारंभ किया।
यह अभियान राज्य के 6,000 गांवों और 1,500 से अधिक शैक्षणिक संस्थानों को कवर करेगा। उन्होंने शिमला में 50 टैक्सी चालकों को कार-बिन वितरित कर दूसरे चरण के अभियान का शुभारंभ किया। पहले चरण में 4,000 कार-बिन वितरित किए गए थे, जबकि दूसरे चरण में 6,000 कार-बिन वितरित किए जाएंगे। उन्होंने नशीली दवाओं के दुरुपयोग और एचआईवी के प्रति जागरूकता शपथ भी दिलाई।सुक्खू ने सरकारी आवास से ‘रेड रन’ और ‘साइकिल रन’ को झंडी दिखाई और विजेताओं को सम्मानित किया। इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल ने कहा कि बेहतर भविष्य के लिए युवा ऊर्जा को सही दिशा और मार्गदर्शन अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने राज्य में एचआईवी के 6,408 मामलों पर चिंता व्यक्त की, जिनमें से 1,453 मामले 15-30 वर्ष की आयु के युवाओं में हैं।
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