बैंक में नए सॉफ्टवेयर वर्जन में डाटा हस्तांतरण की प्रक्रिया शुरू
शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट
राज्य सहकारी बैंक में अब साइबर सेंधमारी नहीं हो सकेगी। बैंक इंफोसिस का फिनेकल वर्जन उपयोग करेगा। शुक्रवार को इस बाबत बैंक प्रबंधन और इंफोसिस सब्सिडरी एजवर्व सिस्टम बंगलूरू और डायनाकॉन सिस्टम एंड सॉल्यूशन कंपनी मुंबई के बीच समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित हुआ।
बैंक में नए सॉफ्टवेयर वर्जन में डाटा हस्तांतरण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। मार्च 2026 तक इसे पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। बैंक अध्यक्ष देविंद्र श्याम ने बताया कि नई तकनीक सुरक्षित है। साइबर हैकिंग की घटनाओं की संभावनाएं अब शून्य रह जाएंगी।बैंक ने अपने वर्तमान कोर बैंकिंग सॉल्यूशन के उन्नयन और नाबार्ड अंबरेला के तहत अत्याधुनिक वर्जन इंफोसिस फिनेकल 10.2.25 को अपनी कार्यप्रणाली में संचालित करने के लिए सर्विस लेवल एग्रीमेंट की प्रक्रिया को पूरा कर लिया है। दस्तावेज पर बैंक के अध्यक्ष देविंद्र श्याम और मुख्य महाप्रबंधक नाबार्ड शिमला डॉ. विवेक पठानिया की उपस्थिति में प्रबंध निदेशक श्रवण मांटा और एजेंसी की ओर से अधिकृत अधिकारी ने हस्ताक्षर कर तकनीक उन्मेषी नई पहल की शुरूआत की।
बैंक के अध्यक्ष कहा कि वर्तमान निदेशक मंडल ने वर्ष 2023 में बोर्ड गठन के बाद ही यह महत्वपूर्ण निर्णय ले लिया था। बैंक जिस कोर बैंकिंग सॉल्यूशन में कार्य कर रहा है, उस प्रणाली में आज की बैंकिंग आवश्यकताओं के अनुरूप काफी खामियां देखी जा रही थी।ग्राहकों को लेनदेन में बड़ी असुविधा हो रही थी, परिणामस्वरूप बैंक का व्यवसाय भी प्रभावित हो रहा था। इसके चलते यह फैसला लिया गया कि बैंकिंग क्षेत्र में कड़ी प्रतिस्पर्धा को देखते हुए इस सॉफ्टवेयर को नई तकनीक से बदला जाए।बैंक के प्रबंध निदेशक श्रवण मांटा ने बताया सहकारी बैंक अब राष्ट्रीयकृत और निजी क्षेत्र के अग्रणी बैंकों की तर्ज पर अपने ग्राहकों को सभी प्रकार की डिजिटल सेवाएं प्रदान करने में सक्षम होगा।
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