लॉटरी माफिया के दबाव में प्रदेश में एक और व्यवस्था परिवर्तन
शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट
नेता विपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में लॉटरी शुरू करने का फैसला सरकार की ओर से लॉटरी माफिया के दबाव में लिया गया है। कांग्रेस सरकार के राज में यह एक और व्यवस्था परिवर्तन है। कहा कि प्रदेश में लॉटरी लागू हुई तो सरकार को यह भी बताना चाहिए कि फैसला किसके दबाव में लिया गया।
किस-किस से क्या लेनदेन हुआ। कहां लेनदेन हुआ। सरकार की ओर से लॉटरी के पक्ष में चाहे जितने भी बहाने बनाए जाएं, चाहे जितने भी तर्क दिए जाएं लेकिन यह स्पष्ट है कि लॉटरी हिमाचल प्रदेश के हित में नहीं है। भाजपा सिस्टम को लागू करने के फैसले का कड़ा विरोध करती है और तत्काल वापस लेने की मांग करती है।ठाकुर ने कहा कि जो सरकार 5 लाख नौकरी देने के नाम पर सत्ता में आई थी। युवाओं को स्वरोजगार देने, स्टार्टअप को प्रमोट करने, युवाओं का भविष्य संवारने के नाम पर झूठ बोल कर सत्ता को हथियाया। सरकार आज आज प्रदेश के लिए लॉटरी को वैध करने को मास्टर स्ट्रोक बता रही है। जिन गारंटियों के नाम पर कांग्रेस सत्ता में आई थी अब उनकी बात भी नहीं करती है। लॉटरी लागू करने को लेकर जिस प्रकार से सरकार के मंत्रियों और मुख्यमंत्री की ओर से तर्क दिया जा रहा है वह और भी हैरानी भरा है।
क्या सरकार के पास शराब के अंधाधुंध ठेके खुलवाने, भांग की खेती को वैध बनाने, लॉटरी को कानूनन वैध घोषित कर राजस्व कमाने के अलावा और कोई विकल्प शेष नहीं बचा है। स्वाबलंबन जैसी योजनाओं को तो सरकार ने अघोषित रूप से बंद कर रखा है, रोजगार के सृजन के साधनों पर अपनी नाकामी से बंदिशें लगा रखी है। सरकार की कोई भी योजना सिर्फ प्रदेश के लोगों को राहत देने के लिए होनी चाहिए। उनकी जिंदगी में किसी भी प्रकार का व्यवधान डालने के लिए नहीं।नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने हिमाचल प्रदेश के निर्माता एवं प्रथम मुख्यमंत्री डॉ यशवंत सिंह परमार की 119वीं जयंती के अवसर पर कार्यक्रम में शामिल लेकर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए। उन्होंने कहा कि डॉ. परमार के बनाए रास्ते और सुझाए आदर्शों पर चलकर हिमाचल ने ऐतिहासिक तरक्की की और अपनी सांस्कृतिक विरासत को भी संजोए रखने के साथ-साथ उसे संवर्धित भी किया है। उन्होंने कहा कि आज के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष को भी शामिल होना चाहिए था।
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