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सरकारी ड्यूटी के साथ शिक्षा में नई मिसाल पेश

                                                       शिक्षा की राह पर सरकारी सेवा से बढ़कर योगदान

शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट 

पूर्ण साक्षर राज्य का दर्जा हासिल करने की ओर बढ़ रहे हिमाचल में कई अध्यापक सरकारी ड्यूटी से आगे बढ़कर बढ़कर शिक्षा की लौ जला रहे हैं। विपरीत परिस्थितियों में ये शिक्षक मिसाल पेश कर रहे हैं। विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए कोई अपनी पगार खर्च रहा है, तो कोई स्कूल में पढ़ाने के बाद भी बच्चों को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार कर रहा है।

किसी ने पढ़ाने के साथ-साथ देश के लिए खिलाड़ी तराशे हैं, किसी ने डिजिटल लर्निंग और नवाचार में उदाहरण पेश किए हैं। कई शिक्षकों का सरकारी स्कूलों में छात्र संख्या बढ़ाने में योगदान रहा है। शिक्षा के लिए समर्पित ऐसे 38 शिक्षकों शिक्षकों को शुक्रवार को हिमाचल सरकार ने सम्मानित किया।   इस बार 26 स्कूल शिक्षकों, 6 कॉलेज शिक्षकों के अलावा छह तकनीकी शिक्षकों को भी राज्य स्तरीय शिक्षक पुरस्कार दिया गया। पुरस्कार स्वरूप उन्हें प्रशस्तिपत्र, एक विशेष मेडल और नौकरी में एक वर्ष का सेवा विस्तार दिया गया।राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला निगुलसरी के गणित प्रवक्ता योगराज को वर्ष 2025 का राज्य शिक्षक पुरस्कार दिया गया। योगराज नेगी किन्नौर जिले के सुगरा गांव के रहने वाले हैं। 

उन्होंने जनजातीय जिले के दुर्गम क्षेत्र में बर्फबारी के दौरान भी अतिरिक्त कक्षाएं लगाकर विद्यार्थियों के लिए गणित की पढ़ाई जारी रखी। विद्यार्थियों को विशेष रूप से गणित के क्षेत्र में सशक्त बनाने के लिए काम किया और उन्हें उच्च शिक्षा के लिए प्रेरित किया। राजकीय आदर्श वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल रोहडू में शारीरिक शिक्षक पद पर तैनात देविंद्र चौहान वॉलीबाल हॉस्टल रोहडू में भी बतौर कोच अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इन्होंने राज्य, राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में बतौर कोच अपनी भूमिका निभाई। चौहान वर्ष 2023 में हुई एशियन वॉलीबाल चैंपियनशिप में भारतीय टीम के कोच रह चुके हैं। प्रो. वॉलीबाल लीग में अहमदाबाद टीम की कोचिंग कर चुके हैं। जूनियर एशियन चैंपियनशिप में भी भारतीय टीम के सहायक कोच रह चुके हैं।


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