Ticker

6/recent/ticker-posts

Header Ads Widget

आरएसएस का बयान: चीन की विस्तारवादी नीतियां बनी चिंता का विषय

                            सीमा विवाद और चीन की गतिविधियों पर आरएसएस ने जताई गंभीर चिंता

शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट 

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पदाधिकारियों ने चीन की विस्तारवादी नीतियों पर चिंता जताई। कहा कि ऐसी गतिविधियां केवल भारत ही नहीं, बल्कि पूरे क्षेत्र की शांति व स्थिरता के लिए खतरा हैं। पड़ोसी देशों को सहयोग और आपसी सम्मान की भावना से आगे आना चाहिए।


 आरएसएस के राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य इंद्रेश, पूर्व में राष्ट्रीय महामंत्री (संगठन) भाजपा व वर्तमान में अखिल भारतीय संपर्क प्रमुख रामलाल, सह प्रांत प्रचारक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ओमप्रकाश ने शुक्रवार को तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा और निर्वासित तिब्बत सरकार के प्रधानमंत्री पेंपा सेरिंग से शिष्टाचार भेंट की।इस मुलाकात में विश्व शांति, सद्भावना और पर्यावरण संरक्षण जैसे मुद्दों पर विचार-विमर्श हुआ। पत्रकारों से बातचीत में डॉ. इंद्रेश ने दलाई लामा को आरएसएस प्रमुख डॉ. मोहन भागवत की ओर से 90वें जन्मवर्ष पर हार्दिक शुभकामनाएं दीं। आरएसएस की आगामी योजनाओं का उल्लेख करते हुए उन्होंने बताया कि संगठन अक्तूबर में 70वां स्थापना दिवस मना रहा है। इसके अंतर्गत देशभर में हजारों सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे, जिनका उद्देश्य समाज में शांति, भाईचारा और आपसी सम्मान को बढ़ावा देना है।

 साथ ही 12 से 15 करोड़ परिवारों को पर्यावरण संरक्षण का संकल्प दिलाया जाएगा। डॉ. रामलाल ने भी दलाई लामा के करुणा संदेश को प्रेरणादायी बताते हुए कहा कि भारत स्वास्थ्य, सुख और आध्यात्मिक शक्ति की भूमि है। हमें इन आदर्शों के आधार पर विश्व को शांति और समृद्धि की राह दिखानी है।दलाई लामा से मुलाकात के बाद उन्होंने निर्वासित तिब्बती संसद के सत्र का अवलोकन किया और तिब्बत म्यूजियम का भी दौरा किया, जहां निदेशक तेनजिन टोपडेन ने उन्हें विस्तार से जानकारी दी।निर्वासित तिब्बत सरकार के मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के वरिष्ठ नेताओं के सम्मान में रात्रिभोज का आयोजन किया। इस दौरान निर्वासित तिब्बत सरकार के स्पीकर खेनपो सोनम तेनपेल, प्रधानमंत्री पेंपा सेरिंग, संसद की उपाध्यक्ष डोलमा सेरिंग टेइखांग, सुरक्षा मंत्री डोलमा ग्यारी और कैबिनेट सचिव त्सेग्याल चुक्या द्रान्यी भी मौजूद रहे। कार्यक्रम के दौरान 14वें दलाई लामा के 90वें जन्मवर्ष उत्सव के उपलक्ष्य में मंत्रिमंडल की ओर से सभी गण्यमान्य अतिथियों को विशेष घोटोन स्मृति चिह्न भेंट किया गया।


Post a Comment

0 Comments