पहाड़ों को खोद नदी-नालों के किनारे डंप कर दिया तबाही का सामान
शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट
हिमाचल प्रदेश में मलबे को ठिकाने लगाने के लिए पंचायतों और शहरी निकायों के पास एक भी डंपिंग साइट नहीं है। बड़ी परियोजनाएं बना रहीं कंपनियों की कागजों में डंपिंग साइटें हैं, परंतु यहां भी नियमानुसार मलबे को ठिकाने नहीं लगाया जा रहा है।
हिमाचल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पास ऐसे कई मामले पहुंचे हैं। प्रदेश हाईकोर्ट की ओर से नियुक्त किए गए एमिकस क्यूरी की अध्ययन रिपोर्ट में ऐसे कई खुलासे हुए हैं।पहाड़ों को खोदकर नदी-नालों, खड्डों के किनारे डंप किया मलबा तबाही का सामान बन गया है। राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण हो, बिजली परियोजनाएं हों या फिर अन्य विकास कार्य, कंपनियां टनों के हिसाब से मलबा नदी-नालों के किनारे डंप कर रही हैं। भारी बारिश में यह मलबा तबाही का कारण साबित हो रहा है। इससे भी बाढ़ की स्थिति पैदा हो रही है। हिमाचल में नगर निगम शिमला की एकमात्र अधिकृत डंपिंग साइट बरियाल में है, पर यह केवल ठोस कचरा ठिकाने लगाने के लिए बनी है। भवनों-सड़कों व अन्य परियोजनाओं के मलबे के लिए नहीं। विभिन्न परियोजनाओं और निजी निर्माण कार्यों से रोजाना टनों के हिसाब से मलबा निकल रहा है। निस्तारण का कोई उचित प्रावधान नहीं है।
पहाड़ों को खोद मलबा नदी-नालों के किनारे अवैध रूप से डंप किया जा रहा है। निर्माण और विध्वंस अपशिष्ट प्रबंधन नियम 2016 में कड़े प्रावधान हैं। स्थानीय निकायों, पंचायतों को डंपिंग साइटें अधिसूचित करना जरूरी है।बांध, बिजली परियोजनाओं, फोरलेन, एनएच, अन्य सड़कों, सुरंगों, बड़ी इमारतों आदि का निर्माण करने वाली कंपनियों को भी साइटें तय करने एवं नियमों के अनुसार व्यवस्था बनाने को कहा गया है। मगर पिछले एक दशक में इन नियमों की धज्जियां उड़ रही हैं। बांध, सड़कें, सुरंगें आदि बनाने वाली कंपनियां डंपिंग साइट जरूर चिह्नित कर रही हैं। इन्हें एनओसी जारी किए जा रहे हैं। बावजूद सड़क और नदी-नालों के किनारे मलबा फेंका जा रहा है। यह डंपिंग भारी बरसात में नदी-नालों का प्रवाह रोक रही है और भूस्खलन, बाढ़ को बढ़ा रही है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने हाल ही में इसी तरह की डंपिंग के लिए सुन्नी बांध बना रहे एसजेवीएन को 70 लाख रुपये का जुर्माना िकया है। हाईवे के निर्माण में इसी तरह की कोताही पर बिलासपुर में करीब साढ़े छह लाख और हमीरपुर में करीब 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
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