🚧 भरमौर में आपदा का कहर: हजारों श्रद्धालु फंसे
शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट
मणिमहेश यात्रा पर गए श्रद्धालुओं को लगातार बारिश ने फिर मुश्किल में डाल दिया है। रविवार से लगातार बारिश और जगह-जगह भूस्खलन के कारण मंगलवार को भरमौर में फंसे हजारों यात्री अपने घरों के लिए नहीं निकल पाए। मंगलवार को दिन भर हुई बारिश ने हालात और बिगाड़ दिए हैं। प्रशासन यात्रियों की सुरक्षा और व्यवस्था में जुटा है, लेकिन बिगड़े मौसम ने चुनौतियां और बढ़ा दी हैं।
एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस और होमगार्ड के 500 कर्मचारी और जवान भी हल से हड़सर तक अलग-अलग पड़ावों पर फंसे हुए हैं। लंगर समितियों से जुड़े लोग और विभागीय टीमें भी मार्ग अवरुद्ध होने के कारण आगे नहीं बढ़ पा रही हैं। मंगलवार को खराब मौसम के कारण भरमौर हेलीपेड से कोई उड़ान नहीं हो पाई। इस वजह से यात्रियों को नहीं निकाला जा सका। वहीं, मार्ग में तीन शव भी फंसे हैं। जिन्हें सुरक्षित रखना जिला प्रशासन के लिए चुनौती बन गया है। शवों को चंबा मेडिकल कॉलेज तक पहुंचाने की कोशिशें की जा रही हैं।भारी बारिश और मलबा हटाने में आ रही दिक्कतों के चलते प्रशासन के प्रयास प्रभावित हो रहे हैं। मलबा बार-बार गिर रहा है, जिससे सड़क बहाली का काम लगातार बाधित हो रहा है।
विभागीय मशीनरी 24 घंटे जुटी है, लेकिन मौसम सहयोग नहीं कर रहा। इधर, कलसुई के पास लंगर में 14 लोग मणिमहेश सेवादल भराड़ी के फंसे थे, जिन्हें बिलासपुर के भराड़ी के लिए सोमबार रात को रवाना किया है। बुधवार को मौसम साफ रहा तो फंसे मणिमहेश यात्रियों को निकाला जा सकता है। वहीं प्रदेश के मंत्री जगत सिंह नेगी ने भरमौर गांव के भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण किया। उप तहसील तेलका के कई गांवों में लगातार मूसलाधार बारिश ने लोगों की नींद उड़ा दी है। ग्राम पंचायत ट्रेकड़ी में धर्मेश पुत्र चूहडू और सतीश पुत्र विमनु के घरों की दीवारों और छतों में गहरी दरारें पड़ गई हैं। मकान का ढांचा इतना कमजोर हो है कि अब परिवारों के लिए यहां रहना असुरक्षित हो गया है। छोटे बच्चों की सुरक्षा को लेकर परिजनों की चिंता और बढ़ गई है। इसी तरह ग्राम पंचायत भजोत्रा के मोहण गांव में मुंशी राम पुत्र पुनु राम के मकान के सामने का डंगा वह गया है, जिससे मकान पर भूस्खलन का सीधा खतरा मंडरा रहा है। किसी भी समय दीवार या छत गिरने की आशंका बनी हुई है।
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