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खराब सड़कों पर अब नहीं चलेगी लापरवाही : विक्रमादित्य सिंह

                                          इंजीनियर होंगे जवाबदेह, सड़कों की गुणवत्ता पर सरकार सख्त

शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट 

हिमाचल में खराब सड़कों के लिए लोक निर्माण विभाग के इंजीनियरों की जवाबदेही होगी। सड़कों पर की जाने वाली मेटलिंग टारिंग कम से कम पांच साल टिकनी चाहिए लेकिन हिमाचल में सड़कें एक मानसून को भी नहीं झेल पा रही है।

 इसका कारण निर्माण कार्य सही तरीके से न होना है। इसको देखते ही प्रदेश सरकार ने यह सख्ती दिखाई है।लोनिवि मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा है कि अब सड़क और भवनों के निर्माण कार्य के दौरान इंजीनियरों को ठेकेदारों के कार्यों पर निगरानी रखनी होगी। इनका मौके पर रहना अनिवार्य किया गया है। हिमाचल में 500 सड़कें ऐसी हैं जिनकी हालत ठीक नहीं है। बीते साल इन सड़कों पर टारिंग की गई लेकिन अब इस बार यह सड़कें फिर उखड़ गई हैं। अब इन सड़कों को ठीक करने के लिए करोड़ों रुपये खर्च होंगे।चरण चार के तहत प्रदेश सरकार हिमाचल की 1560 बस्तियों को सड़क से जोड़ा जाना है। केंद्र से सड़क की सर्वे रिपोर्ट को क्लीयरेंस मिलने पर लोक निर्माण विभाग की ओर से इन सड़कों की डीपीआर तैयार की जानी है। 

डीपीआर को मंजूरी मिलने के बाद केंद्र सरकार हिमाचल सरकार को सड़क निर्माण के लिए पैसा जारी करेगी।250 आबादी वाली बस्तियों को जोड़ा जा रहा है। इसमें उन सड़कों को भी शामिल किया है जो कच्ची हैं। नाबार्ड के तहत बनी सड़कों को भी इसमें शामिल किया गया है। विधायक प्राथमिकता में भी विधायकों ने अपने अपने क्षेत्र की सड़कें दी हैं। अब चरण-4 में भी इनका निर्माण किया जाएगा। इन सड़कों के निर्माण को लेकर लोक निर्माण विभाग में लगातार बैठकों का दौर जारी है। लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने स्पष्ट किया है कि इन सड़कों के निर्माण में कोई कोताही नहीं बरती जाएगी।मंत्री ने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को मौके पर जाकर डीपीआर तैयार करने को कहा है। इसके अलावा भू वैज्ञानिकों की रिपोर्ट को भी अनिवार्य किया है।


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