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अब चढ़ावे की गणना के तुरंत बाद बैंक को सौंपा जाएगा कैश

                                                    मंदिरों में कैश मैनेजमेंट सिस्टम होगा और सख्त

हमीरपुर,ब्यूरो रिपोर्ट 

बाबा बालक नाथ मंदिर दियोटसिद्ध में चढ़ावे की गणना प्रक्रिया में बड़ा बदलाव किया गया है। चढ़ावे की गणना में गड़बड़ी सामने आने पर ट्रस्ट ने इस व्यवस्था को और अधिक पारदर्शी बनाने का निर्णय लिया है। अब शुक्रवार और सोमवार को चढ़ावे की गणना के दौरान ही बैंक कर्मी मंदिर के गणना कक्ष से कैश को एकत्र करेंगे। 

पहले गणना के अगले दिन चढ़ावे की राशि को बैंक कर्मियों के हवाले किया जाता था, लेकिन अब गणना के तुरंत बाद चढ़ावे की राशि को बैंक कर्मी को सौंपा जाएगा। यह बैंक कर्मी मंदिर के गणना कक्ष में सीसीटीवी की मौजूदगी में कैश को अपने कब्जे में लेंगे। मंदिर में चढ़ावे की गणना में 29 सितंबर को हुई गड़बड़ी के बाद यह फैसला लिया गया है।ट्रस्ट की व्यवस्था के अनुसार सामान्य दिनों में चढ़ावा कम होता है, ऐसे में शुक्रवार और सोमवार को चढ़ावे की गणना की जाती है, जबकि चैत्र मास मेलों के दौरान हर दिन चढ़ावे की गणना होती है। गणना के अगले दिन बैंक कर्मी मंदिर परिसर में आकर कैश को एकत्र करते थे। अब व्यवस्था को और अधिक पारदर्शी बनाने के लिए गणना के तुरंत बाद ही चढ़ावे की राशि को बैंक कर्मी के हवाले करने का मंदिर ट्रस्ट ने निर्णय लिया है। 

यह निर्णय इसलिए भी अहम है, क्योंकि गणना के बाद चढ़ावे की राशि को घंटों तक मंदिर में रखने के दौरान भी गड़बड़ी की आशंका हो सकती है। इन आशंकाओं को खत्म करते हुए ट्रस्ट ने नई व्यवस्था को लागू कर दिया है।मंदिर ट्रस्ट के चेयरमैन कार्यालय की ओर से चढ़ावे की गणना के लिए एक माह का ड्यूटी रोस्टर जारी होता है। इस रोस्टर के अनुसार ही कैश हैंडल करने का जिम्मा ट्रस्ट के अधिकारियों और कर्मियों के पास रहता है। यह ड्यूटी रोस्टर तो बदलता रहता है, लेकिन कैश को हैंडल करने की व्यवस्था पूर्ण रूप से वही रहती है। गिनती किए गए चढ़ावे के कैश को एक रात तक मंदिर में रखा जाता रहा है। हालांकि कैश सीसीटीवी की निगरानी में रहता है, लेकिन 29 सितंबर को हुई गड़बड़ी ने तमाम व्यवस्था पर सवाल उठा दिए हैं।चेयरमैन कार्यालय की ओर से प्राप्त आदेशों के अनुसार गणना के दिन ही बैंक कर्मी मंदिर में आकर चढ़ावे की राशि को एकत्र करेंगे। पहले एक दिन के बाद इस राशि को बैंक कर्मियों को सौंपा जाता था। व्यवस्था को और अधिक पारदर्शी बनाने के लिए यह निर्णय लिया गया है।

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अब चढ़ावे की गणना के तुरंत बाद बैंक को सौंपा जाएगा कैश