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नगनोली क्षेत्र में पेड़ कटान का मामला तूल पर

                                                                      विभागीय कार्रवाई पर उठे सवाल

ऊना,ब्यूरो रिपोर्ट 

नगनोली क्षेत्र में वन विभाग की मंजूरी के बिना निजी भूमि से पेड़ कटान मामले में विभाग खुद की कार्रवाई में ही उलझकर रह गया है। क्षेत्र के वन अधिकारी ने जो रिपोर्ट भेजी है उससे जिले के आलाधिकारी संतुष्ट नहीं हैं और रिपोर्ट लौटा दी है। 

अधिकारियों ने वास्तविकता के आधार पर रिपोर्ट दोबारा पेश करने के निर्देश दिए हैं। क्षेत्र की जनता भी विभागीय अधिकारियों की कार्यप्रणाली से पशोपेश में है।नगनोली क्षेत्र में एक ही जगह से 20 से अधिक हिस्सेदारों के मुस्तरका खाता होने की सूरत में वन विभाग की मंजूरी के बिना ही पेड़ काट डाले हैं। रातों रात बाहरी राज्यों को सप्लाई कर डाले। वन विभाग को इसकी भनक लगते ही टीम मौके पर पहुंची तो 90 पेड़ कटे हुए पाए गए। 20 स्लीपर भी विभाग ने बरामद किए। इस संदर्भ में पुलिस चौकी पंडोगा में शिकायत दर्ज करवाई गई। दूसरी ओर क्षेत्र के जिस पक्ष की ओर से बिना विभाग की मंजूरी के पेड़ कटान का मसला उजागर किया था, वही इस पूरे केस में संलिप्त पाया गया है।


 अब देखना यह है कि विभागीय अधिकारी इस मसले को किस तरह से सुलझाते हैं और वास्तविकता की रिपोर्ट अपने अलग अधिकारियों के पास किस तरह से पेश कर पाते हैं। ऊना जिले में भारी मात्रा में पेड़ों का निजी और सरकारी भूमि से अवैध कटान के मामले में याचिकाकर्ता संजीव ठाकुर की शिकायत पर हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने स्वत: संज्ञान लेकर जिला प्रशासन, वन विभाग से वस्तु स्थिति की रिपोर्ट तलब की है। जल्द ही हाई कोर्ट के न्यायाधीश जिला प्रशासन और वन विभाग के अधिकारी ऊना जिला के विभिन्न क्षेत्रों में अवैध कटान के मसलों की वास्तविकता से वाकिफ होने के लिए जल्द ही जिले का दौरा करने जा रहे हैं। इससे प्रशासन, विभाग और संबंधित क्षेत्र के अधिकारियों की करनी और कथनी की पोल खुलकर सामने आएगी।


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