"बोले- प्रदेश में न बच्चे सुरक्षित, न महिलाएं"
शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सुखविंद्र सिंह सुक्खू की सरकार में अपराधी इतने बेलगाम हो गए हैं कि वे प्रदेश की छवि को धूमिल कर रहे हैं। प्रदेश के कोने-कोने से लेकर राजधानी तक हो रही घटनाएं बता रही हैं कि यहां कोई भी सुरक्षित नहीं है। न तो बच्चे और युवा, न ही बुजुर्ग और महिलाएं, कोई भी सुरक्षित नहीं। लोग न अपने घर-परिवार में सुरक्षित हैं और न ही बाजार में।
उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासनिक अधिकारी भी महिलाओं से दुष्कर्म जैसे मामलों में फरार घूम रहे हैं। ऐसी घटनाएं इसलिए हो रही हैं क्योंकि पुलिस अपने राजनीतिक आकाओं को खुश करने का टूल बनकर रह गई है।जयराम ने कहा कि पिछले कुछ दिनों की खबरों की कुछ हेडलाइन पर नजर डालें तो पढ़कर भी डर लगने लगा है। ऊना में गर्भवती युवती की अधजली लाश मिली, भतीजे ने चाचा का गला काटा। उपप्रधान की गाला रेतकर बेरहमी से हत्या। शिमला के संजौली में नाबालिग से छेड़छाड़, विरोध करने पर पीड़िता और मां को जान से मारने की धमकी। चंबा के चुवाड़ी के 63 वर्षीय महिला का मिला शव, हैवानियत के बाद की हत्या। नेशनल खिलाड़ी के साथ एसडीएम ने किया दुष्कर्म, एसडीएम पर महिला ने लगाए यौन शोषण के आरोप। आठ दिन से फरार एसडीएम। रेप के आरोपी एसडीएम तक नहीं पहुंची पुलिस।
बंजार में गैंगरेप के बाद हुई थी महिला की हत्या, एक महीने तक घटना को छिपाती रही पुलिस। गग्गी हत्याकांड में इंटर नेशनल साजिश, हत्या के अंडर वर्ल्ड से जुड़ रहे तार। रोहड़ू में प्रताड़ना से बच्चे ने खाया जहर, बिलासपुर में घर में चल रही थी शादी की तैयारी-संदिग्ध हालत में मिला शव। शिमला से अगवा हुए तीन छात्र। उन्होंने कहा कि जगह कम पड़ जाएगी, कहते-कहते दिल भर जाएगा। डर लगने लगेगा लेकिन यह सिलसिला खत्म नहीं होगा।उन्होंने कहा कि हिमाचल पुलिस चर्चा में अंतिम बार तब आई थी, जब एचपीपीसीएल के चीफ इंजीनियर विमल नेगी की मौत की जांच को सीबीआई को न सौंपने के लिए सरकार ने अड़ियल रवैया अपनाया। उस वक्त डीजीपी, एसपी, एजी और सीएस ने एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाए थे। चंबा में मनोहर हत्या कांड भी सीएम द्वारा हिंदुत्व को हराने को लेकर दिए गए बयान की परिणति है।
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