तकनीकी शिक्षा संस्थानों में बढ़ी कंपनियों की मांग
मंडी ,ब्यूरो रिपोर्ट
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मंडी के अंडरग्रेजुएट प्रशिक्षुओं ने इस वर्ष उत्कृष्ट प्लेसमेंट प्रदर्शन किया है। बीटेक छात्रों को औसतन 21.64 लाख रुपये का वार्षिक पैकेज मिला, जबकि 95.04 प्रतिशत छात्रों को सफल प्लेसमेंट प्राप्त हुआ। पोस्टग्रेजुएट कार्यक्रम में छात्रों को औसतन 10.93 लाख रुपये का वार्षिक पैकेज मिला और 78.88 प्रतिशत छात्रों का चयन हुआ। इस वर्ष 266 राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कंपनियों ने कैंपस पहुंचकर छात्रों को अवसर प्रदान किए। प्लेसमेंट के साथ-साथ छात्रों ने प्रतिष्ठित कंपनियों और शीर्ष शैक्षणिक संस्थानों में इंटर्नशिप कर अपनी व्यावसायिक क्षमताओं को सुदृढ़ किया।
कई विद्यार्थियों ने भारत और विदेश के प्रमुख विवि में उच्च शिक्षा का विकल्प भी चुना।कॅरिअर और प्लेसमेंट सेल ने पूरे वर्ष छात्रों को तैयार करने के लिए कई पहल की हैं, जिनमें प्रमुख शिक्षाविदों की ओर से कॅरिअर मार्गदर्शन सत्र, सफल स्टार्टअप फाउंडर्स के उद्यमशीलता व्याख्यान, प्रतिष्ठित कोचिंग संस्थानों की ओर से प्रतियोगी परीक्षाओं पर सेमीनार, पूर्व छात्रों के साथ संवादात्मक सत्र और इंटरव्यू तैयारी व कौशल विकास कार्यशालाएं शामिल रहीं।आईआईटी मंडी के निदेशक प्रो. लक्ष्मीधर बेहरा ने कहा कि संस्थान ने अंतरविषयक अनुसंधान का ऐसा केंद्र स्थापित किया है जो तकनीकी प्रगति और मानवीय मूल्यों के बीच पुल का कार्य कर रहा है। उनके अनुसार, संस्थान के स्नातक तकनीकी नवाचारों के माध्यम से स्थिरता की चुनौतियों का समाधान कर रहे हैं, जो स्थानीय और राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के अनुरूप है।
गूगल, लिंक्डइन, माइक्रोसॉफ्ट, वॉलमार्ट, एडोबी, सैमसंग, सिस्को, महिंद्रा एंड महिंद्रा, टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स, टीसीएस, एचडीएफसी और आईसीआईसीआई बैंक जैसी बड़ी कंपनियों ने आईआईटी मंडी से भर्ती की। जबकि अंतरराष्ट्रीय कंपनियों में एक्सेंचर जापान, ऐइफुल, कॉमर्स रोबोटिक्स और मोराबु हंशिन शामिल रहीं।आईआईटी मंडी में टैलेंडी होल्डिंग्स (टेक जापान) के केनजी अराई ने कॅरिअर एवं प्लेसमेंट सलाहकार डॉ. प्रतीक सक्सेना से मुलाकात की। बैठक में जापान में आईआईटी मंडी के छात्रों के लिए प्लेसमेंट और इंटर्नशिप अवसरों को बढ़ाने पर विस्तार से चर्चा हुई। इसमें जापान की उभरती टेक कंपनियों में कॅरियर के नए मार्ग, वैश्विक एक्सपोजर और भारत-जापान सहयोग को मजबूत बनाने पर जोर दिया गया।
.jpg)
.jpeg)
.jpg)
0 Comments