संपूर्ण भर्ती प्रक्रिया में खामियों का हवाला देते हुए हाईकोर्ट ने लिया फैसला
शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने मेडिकल कॉलेज टांडा में 80 नर्सों की आउटसोर्स भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी है। अदालत ने पसंदीदा कंपनी को ठेका देने पर नाराजगी जताते हुए ब्यास इन्फ्राबिल्ड प्राइवेट लिमिटेड को भी मामले में प्रतिवादी बना दिया है।
टेंडर प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी पर कंपनी को नोटिस जारी किया है। मामले की अगली सुनवाई 18 दिसंबर को होगी। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि 12 अगस्त का अंतरिम आदेश जारी रहेगा और अनुमति के बिना किसी भी उम्मीदवार को न तो चयनित किया जाएगा और न ही नियुक्त।हाईकोर्ट ने स्टेट इलेक्ट्रॉनिक डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड की ओर से आउटसोर्स कार्य ठेके पर देने में बरती गई अपारदर्शिता पर कड़ा रुख दिखाया। निगम के प्रबंध निदेशक के हलफनामे पर अदालत ने असंतोष जाहिर करते हुए कहा कि ठेके की प्रक्रिया और पारदर्शिता के कारण इसमें स्पष्ट रूप से दर्ज नहीं हैं। अदालत ने 60 स्टाफ नर्सों की आउटसोर्स भर्ती के लिए ब्यास इन्फ्राबिल्ड प्राइवेट लिमिटेड को ठेका देने पर गंभीर सवाल उठाए।
कोर्ट ने कहा कि कमेटी ने केवल इतना आधार बताया कि यह कंपनी पहले भी मैन पावर दे चुकी है और इसके खिलाफ काई शिकायत नहीं है। हालांकि यह नहीं बताया गया कि कंपनी का कोटेशन क्या था और अन्य कंपनियों के प्रस्ताव क्या थे। कोर्ट ने प्रक्रिया को मनमाना और सार्वजनिक ठेके देने की न्यूनतम आवश्यकता के विरुद्ध बताया।अदालत ने तुरंत प्रभाव से ब्यास इन्फ्राबिल्ड को प्रतिवादी बनाने और नोटिस जारी करने का आदेश दिया। साथ ही मेडिकल कॉलेज टांडा में 80 स्टाफ नर्सों की नई भर्ती प्रस्ताव पर भी रोक लगा दी है। कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिए हैं कि ब्यास इन्फ्राबिल्ड द्वारा प्रायोजित कोई भी व्यक्ति फिलहाल किसी भी प्रकार की सेवाएं नहीं देगा।
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