डेढ दशक से मन्दिर का निर्माण कार्य कछुए की चाल चला हुआ
पालमपुर,रिपोर्ट नेहा धीमान
शिखर पहाड़ी पर स्थित सिद्ध शक्ति पीठ माता आदि हिमानी चामुण्डा मन्दिर के विकास को लेकर प्रायः तर्क मिलता था कि मन्दिर के विकास के लिए सबसे बड़ी बाधा मन्दिर के इर्दगिर्द चोतरफा वन विभाग के नाम भूमि का होना।
इस पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पालमपुर के पूर्व विधायक प्रवीन कुमार ने कहा इन्ही तमाम दिक्कतों को ध्यान में रखते हुए उन्होंने बतौर विधायक इस मन्दिर को चामुण्डा नन्दिकेश्वर मन्दिर ट्रस्ट के साथ विलय ( मर्ज ) करवाया था। उन्होनें कहा डेढ दशक से मन्दिर का निर्माण कार्य कछुए की चाल की तरह चला हुआ है । खेद का विषय है मन्दिर तक शुरु की ग ई हेलिकॉप्टर सेवा को बन्द कर दिया गया ओर रज्जु मार्ग निर्माण कम्पनी ने हाथ खड़े कर दिये।प्रवीन कुमार ने कहा यह सर्वविदित है इससे पूर्व इस मन्दिर का संचालन स्थानीय कमेटी द्वारा किया जाता था । लेकिन जव से यह मन्दिर चामुण्डा ट्रस्ट के साथ मर्ज हुआ है।
आज पन्द्रह वर्ष हो गये जिस गम्भीरता के साथ मन्दिर ट्रस्ट एवं मन्दिर प्रशासन को इस मन्दिर को माता वैष्णो देवी की तर्ज पर विकसित करने व धार्मिक पर्यटन के साथ जोडने के प्रयास करने चाहिए थे बिलकुल नहीं हुए । इस तरह मन्दिर के विकास की अनदेखी को देखते हुए वर्षों तक इसी मन्दिर कमेटी के पूर्व में सचिव रहे , महकमा राजस्व विभाग से सेवानिवृत्त सुप्रसिद्ध समाज सेवी श्री ओम प्रकाश उपाध्याय जी ने पूर्व विधायक को उर्दू भाषा में लिखित वह अभिलेख प्रेषित किया जिसमें राजस्व अभिलेख में बाकायदा 21 कनाल 2 मरले जमीन एहले हनूद ( देव स्थान ) के नाम यहाँ भूमि दर्ज है। ऐसे में मन्दिर ट्रस्ट , मन्दिर आयुक्त व सहायक मन्दिर आयुक्त इस देवस्थान के नाम दर्ज इस भूमि के ऊपर यात्री स्वागत कक्ष , कार्यालय , रसोई घर , पुजारी आवास , सराय भवन , शौचालयों इत्यादि का प्राथमिकता के आधार पर निर्माण करवाये जाने पर चिन्तन एवं विचार करे।



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