अस्पतालों में सुविधाओं की कमी पर उठे सवाल, हाईकोर्ट ने मांगा जवाब
शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने सरकारी अस्पतालों में बुजुर्गों और मरीजों को लिफ्ट का इस्तेमाल न करने देने के मामले पर स्वतः संज्ञान लिया है।
मुख्य न्यायाधीश गुरमीत सिंह संधावालिया और न्यायाधीश जियालाल भारद्वाज की खंडपीठ ने इस मामले में सरकार सहित स्वास्थ्य विभाग को नोटिस जारी किया है। अदालत को प्राप्त एक अभ्यावेदन के अनुसार यह उल्लेख किया गया है कि अस्पताल की एक लिफ्ट स्टाफ और डॉक्टरों के लिए आरक्षित रहती है, जबकि आम जनता के लिए बनी लिफ्ट खराब रहती है।
इससे बुजुर्गों, विकलांगों और मरीजों को अस्पताल की एक मंजिल से दूसरी मंजिल जाने में भारी असुविधा और परेशानी झेलनी पड़ती है। खंडपीठ ने इस गंभीर विषय पर संज्ञान लेते हुए प्रतिवादी स्वास्थ्य सचिव को एक शपथपत्र दायर करने का निर्देश दिया है। अदालत ने कहा कि इस शपथपत्र में बताया जाए कि राज्य में कितने बहुमंजिला सार्वजनिक अस्पताल हैं। क्या मरीजों की सुविधा के लिए इन अस्पतालों में निर्धारित और कार्यरत लिफ्टें मौजूद हैं। मामले की अगली सुनवाई 29 दिसंबर को होगी।
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