रात के समय उड़ान संचालन की संभावना तलाशने के लिए शुरू हुई टेक्निकल स्टडी
शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट
हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा एयरपोर्ट पर नाइट लैंडिंग की सुविधा शुरू करने की संभावना तलाशने के लिए एयरपोर्ट अथाॅरिटी ऑफ इंडिया की टीम एयरपोर्ट का दौरा करेगी। वीरवार को प्रदेश सचिवालय में एयरपोर्ट अथाॅरिटी ऑफ इंडिया के साथ पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन विभाग के अधिकारियों की बैठक में इसे लेकर चर्चा की गई। बैठक में कांगड़ा एयरपोर्ट के प्रस्तावित विस्तार के लिए नागरिक उड्डयन मंत्रालय से विशेष आर्थिक सहायता का मामला भी उठाया गया।मौजूदा समय में कांगड़ा एयरपोर्ट का संचालन विजुअल फ्लाइट रूल्स (वीएफआर) के तहत हो रहा है, जिसके लिए उड़ान संचालन के लिए न्यूनतम दृश्यता 5 किलोमीटर होनी चाहिए।
कम दृश्यता की स्थिति में हवाई उड़ानों का सुरक्षित संचालन करने के लिए न्यूनतम दृश्यता मापदंड को वर्तमान 5 किलोमीटर से घटाकर 2.5 किलोमीटर करने के लिए विशेष वीएफआर के प्रावधान पर भी चर्चा की गई। बैठक में कुल्लू और शिमला एयरपोर्ट की सुरक्षा कांगड़ा एयरपोर्ट की तर्ज पर सीआईएसएफ के स्थान पर हिमाचल प्रदेश पुलिस को सौंपने पर भी विचार करने का भी आश्वासन दिया है।मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू गत जुलाई में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री से भी हिमाचल में हवाई सेवाओं के विस्तार का मामला उठा चुके हैं। प्रधान सचिव पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन देवेश कुमार ने बताया कि बैठक में हिमाचल में हवाई सेवाओं के विस्तार पर एयरपोर्ट अथाॅरिटी के अधिकारियों के साथ चर्चा की गई है।
हवाई अड्डों के रनवे विस्तार, नाइट लैंडिंग शुरू करने सहित फ्लाइट की संख्या बढ़ाने पर विचार विमर्श किया गया है। एयरपोर्ट अथाॅरिटी के अधिकारियों ने भी हमें अपनी समस्याओं से अवगत करवाया हैआरसीएस-उड़ान योजना चरण-2 में प्रदेश में चार नए हेलीपोर्ट को स्वीकृति का मामला भी बैठक में उठा। इनमें हमीरपुर जिला के जसकोट, कांगड़ा के देहरा, ऊना और बिलासपुर जिले में एक-एक हेलीपोर्ट बनाया जाना प्रस्तावित है। बैठक में एलायंस एयर, हैरीटेज एवीएशन, ग्लोबल वेक्टरा सहित अन्य एयरलाइंस ऑपरेटरों को प्रदेश में आरसीएस-उड़ान योजना के तहत हवाई सेवाएं शुरू करने पर भी चर्चा की गई।
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