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वर्षों से एक ही जगह तैनात डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ अब होंगे तब्दील

                                                स्वास्थ्य विभाग ने शुरू की बड़े पैमाने पर रोटेशन प्रक्रिया

शिमला, ब्यूरो रिपोर्ट 

हिमाचल के स्वास्थ्य संस्थानों में डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ को इधर से उधर किए जाने की तैयारी चल रही है। मेडिकल कॉलेजों के बाद अब जोनल, सिविल अस्पताल और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में अतिरिक्त स्टाफ को बदला जाएगा। इन डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ, टेक्निशियन को उन अस्पतालों में भेजा जाएगा, जहां काफी समय से पद रिक्त चल रहे हैं। हिमाचल के दूर दराज क्षेत्रों के प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की कमी चल रही है। 

यहां के लोगों को इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज, जोनल या सिविल अस्पताल इलाज के लिए आना पड़ रहा है। प्रदेश सरकार ने हिमाचल के हर प्राथमिक, सामुदायिक और सिविल अस्पतालों में स्टाफ की कमी को दूर करने का फैसला लिया है। स्वास्थ्य को लेकर सरकार एक के बाद एक जनहित के फैसले ले रही है।मेडिकल कॉलेज और निदेशक स्वास्थ्य सेवाओं में डॉक्टरों का कैडर को भी इसलिए ही अलग अलग किया गया है। ताकि स्टाफ की भर्ती हो सके और जिन मेडिकल कॉलेजों में मेडिकल अफसरों की तैनाती की गई, उन्हें भी फील्ड में भेजा जा रहा है। मेडिकल कॉलेजों में भी सरकार की ओर से स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई है। प्रदेश सरकार को शिकायतें मिल रही हैं कि स्वास्थ्य केंद्रों में डेपुटेशन पर डॉक्टरों को भेजा जाता है।

 तीन दिन एक केंद्र में लगाए जाते हैं जबकि तीन दिन डॉक्टरों को दूसरे स्वास्थ्य केंद्र में जाकर मरीजों का उपचार करना पड़ रहा है।स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में 6 डॉक्टरों की तैनाती होगी। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एक डॉक्टर, एक फार्मासिस्ट, पीयन और चौकीदार तैनात किया जाएगा। इन केंद्रों में पुराने उपकरणों के हटाकर नए स्थापित किए जाने हैं। इसको लेकर स्वास्थ्य सेवाएं निगम की ओर से टेंडर आमंत्रित किए गए हैं।प्रदेश सरकार ने मेडिकल कालेजों में नई एमआरआई मशीनें स्थापित करने का काम शुरू कर दिया है। कॉलेजों में 20 साल पुरानी मशीनों को हटाकर नई स्थापित की जा रही हैं।


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