Ticker

6/recent/ticker-posts

Header Ads Widget

110 साल पुराने मस्जिद रिकॉर्ड का दावा, नक्शा स्वीकृति के लिए निगम में करेगा मुस्लिम समुदाय आवेदन

                       स्थानीय मुस्लिम समुदाय ने कहा-मस्जिद का अस्तित्व 110 वर्षों से सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज

शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट 

संजौली मस्जिद को लेकर मामला फिर गरमा गया है। ऑल हिमाचल मुस्लिम ऑर्गेनाइजेशन ने दावा किया है कि संजौली में जिस जमीन पर मस्जिद बनी है, वह राजस्व रिकॉर्ड में गैर मुमकिन मस्जिद के नाम से ही दर्ज है। इस तरह मस्जिद अवैध नहीं है।बालूगंज में सोमवार को प्रेसवार्ता के दौरान ऑल हिमाचल मुस्लिम ऑर्गेनाइजेशन के अध्यक्ष नजाकत हाशमी ने कहा कि 1915 से अब तक के रिकॉर्ड में संजौली में मस्जिद का नाम दर्ज है। कहा कि हाल ही में शिमला शहर में हिंदू संगठनों की ओर से जो प्रदर्शन किए गए, उनमें मस्जिद को लेकर कुछ गलत तथ्य पेश किए गए हैं। कहा कि 1915 के राजस्व रिकॉर्ड के अनुसार खसरा नंबर 107 गैर मुमकिन मस्जिद दर्ज है। राजस्व रिकॉर्ड 1997-98 के अनुसार भी खसरा नंबर 107 में मालिक के कॉलम में सरकार दर्ज है जबकि काश्त में मस्जिद दर्ज है। इस तरह यह मस्जिद अवैध नहीं है।

कहा कि साल 2013 में मस्जिद कमेटी ने वर्तमान ढांचा पास करने के लिए नगर निगम में आवेदन दिया था लेकिन इस पर आज तक निगम की अेार से आपत्ति नहीं आई। इस आवेदन के साथ ही मस्जिद की मंजिलें बढ़ाने की अनुमति भी मांगी थी ताकि नमाजियों की बढ़ती संख्या को सुविधा मिल सके। माना कि उपरी मंजिलें अवैध थी और इसे हटा भी दिया गया है। अब निचली मंजिलों के नक्शे को पास करने के लिए दोबारा नगर निगम आयुक्त के पास आवेदन करेंगे। अध्यक्ष ने कहा कि इस मामले पर अभी हाईकोर्ट ने स्टे दिया है। नौ मार्च को अगली सुनवाई होनी है। कोर्ट से जो भी आदेश होंगे, वह हमें मान्य होंगे।हिंदू संघर्ष समिति के प्रवक्ता विजय शर्मा ने संजौली मस्जिद को लेकर मुस्लिम पक्ष की ओर से की गई प्रेसवार्ता को झूठ का पुलिंदा और सरकार की लिखी हुई सि्क्रप्टि बताया है। उन्होंने कहा कि मुस्लिम पक्ष का यह दावा कि यह भवन अवैध नहीं है, पूरी तरह गलत है।

 चार अलग-अलग न्यायालयों में मुस्लिम पक्ष यह मामला हार चुका है और किसी भी न्यायालय ने उनकी दलील को स्वीकार नहीं किया है।मुस्लिम पक्ष का यह कहना कि 115 वर्षों से यहां मस्जिद है, इसे भी उन्होंने झूठी कहानी बताया। उन्होंने कहा कि यदि इतने वर्षों का हवाला देकर अवैध भवन को वैध करने की कोशिश की जा रही है, तो क्या इतने वर्षों में अवैध रूप से काटे गए सेब-नाशपाती के पेड़ों और अन्य अवैध निर्माणों को भी वैध मान लिया जाए? यह तर्क पूरी तरह गैर-कानूनी और अस्वीकार्य है।विजय शर्मा ने कहा कि नगर निगम अधिनियम के अनुसार नक्शा तभी पास हो सकता है, जब भूमि का स्वामित्व स्पष्ट और वैध हो। ऐसे में मुस्लिम पक्ष का यह कहना कि वह नीचे की दो मंजिलें नक्शा पास करवाने के लिए पेश करेंगे। यह सरकार और मुस्लिम पक्ष की पहले से रची गई साजिश का हिस्सा है। उन्होंने आरोप लगाया कि मुस्लिम पक्ष की प्रेस कॉन्फ्रेंस पूरी तरह से सरकार की तैयार की गई स्क्रिप्ट पर आधारित है। 



Post a Comment

0 Comments

अवैध खनन में बीजेपी विधायक आशीष के खिलाफ एफआईआर दर्ज