सीएम बोले— नशे की लत में फंसे युवाओं को सजा नहीं
बिलासपुर, ब्यूरो रिपोर्ट
जो युवा पहली बार नशे की गिरफ्त में आए हैं या लत के शिकार हैं वो अपराधी नहीं होता है। सरकार उनके पुनर्वास और सुधार पर ध्यान देगी,ताकि वे मुख्यधारा में लौट सकें। जो रिपीट ऑफेंडर हैं यानी जो बार-बार नशा बेचते और सप्लाई करते पकड़े जाएंगे,उनके लिए जेल ही एकमात्र जगह होगी।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने नशे (चिट्टे) के खिलाफ निर्णायक जंग का ऐलान कर दिया है। बिलासपुर में आयोजित वॉकथॉन के दौरान मुख्यमंत्री ने न केवल युवाओं को जागरूक किया, बल्कि नशे के कारोबार में संलिप्त सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों को सख्त चेतावनी भी दी। मुख्यमंत्री ने कड़े शब्दों में कहा कि नशे के अवैध कारोबार में जो भी सरकारी कर्मचारी संलिप्त पाए जाएंगे, उन्हें किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।
कहा कि सरकारी कर्मचारी जो भी इसमें संलिप्त पाए जाएंगे, वो अब ज्यादा दिन नहीं बच पाएंगे। उनके खिलाफ सरकार बहुत सख्त कार्रवाई करने जा रही है। प्रशासन के भीतर बैठी काली भेड़ों की पहचान की जा रही है। सीएम ने बताया कि 15 नवंबर से शुरू हुआ। हमने उससे पहले पूरी स्टडी की कि किस प्रकार जो हमारा युवा वर्ग है, वो चिट्टे की चपेट में आ रहा है। हमने पुलिस अधिकारियों के साथ,डीजीपी के साथ और तमाम अधिकारियों के साथ बैठकें की। पहला जो हमारा कदम था,वो अवेयरनेस का था।


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