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Himachal News: सेवानिवृत्ति से सात दिन पहले केसीसी बैंक के डीजीएम बर्खास्त

                              जांच रिपोर्ट में गंभीर अनियमितताएं पाए जाने के बाद प्रबंधन ने की कड़ी कार्रवाई

धर्मशाला, ब्यूरो रिपोर्ट 

कांगड़ा केंद्रीय सहकारी (केसीसी) बैंक में वित्तीय अनियमितताओं को लेकर बड़ी प्रशासनिक कार्रवाई की गई है। बैंक के उपमहाप्रबंधक (डीजीएम) केसी भारद्वाज को सेवानिवृत्ति से मात्र सात दिन पहले नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है। बर्खास्त अधिकारी पर कुल्लू जिले की आनी शाखा में तैनाती के दौरान हाजिरी, मेडिकल क्लेम और यात्रा भत्ते के नाम पर गलत तथ्य पेश कर वित्तीय लाभ लेने के आरोप हैं। बैंक की जांच में ये आरोप सही पाए गए हैं। महाप्रबंधक राकेश शर्मा ने कार्रवाई की पुष्टि की है उधर, केसी भारद्वाज इस फैसले के खिलाफ अब अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे।

बैंक प्रबंधन ने मामले की जांच डीजीएम नवनीत महाजन से करवाई थी। बीते वर्ष अधिकारी को इस मामले में चार्जशीट किया था, लेकिन उस समय बैंक के निदेशक मंडल ने उन्हें राहत दे दी थी। अप्रैल 2025 में चार्जशीट ड्रॉप करने का प्रस्ताव भी निदेशक मंडल की बैठक में लाया गया, जिसे मंजूरी नहीं मिल सकी। इसके बावजूद 27 अप्रैल को संबंधित अधिकारी को महाप्रबंधक की शक्तियां देने का आदेश जारी किया गया था, जो बाद में अपरिहार्य कारणों से अमल में नहीं लाया जा सका। इसी वर्ष सरकार ने बैंक के निदेशक मंडल को भंग कर दिया और मंडल आयुक्त कांगड़ा विनोद कुमार को प्रशासक नियुक्त किया है। प्रशासक ने पदभार संभालते ही लंबित मामलों की समीक्षा करवाई और जांच रिपोर्ट के आधार पर उपमहाप्रबंधक को बर्खास्त करने का सख्त फैसला लिया।

बैंक में इससे पहले भी वित्तीय अनियमितताओं के मामलों में पांच अधिकारियों को बर्खास्त किया था, लेकिन निदेशक मंडल ने बाद में इन्क्रीमेंट रोकने जैसी सजा देकर उन्हें बहाल कर दिया था। एक अन्य शाखा प्रबंधक के निलंबन आदेश भी वापस लिए गए थे।



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