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निजी शिक्षण संस्थानों को दी लोगों को लूटने की खुली छूट: विक्रमादित्य सिंह

शिमला, हिमाचल फास्ट ब्यूरो
कांग्रेस के विधायक विक्रमादित्य सिंह ने प्रदेश ने शिक्षा के नाम पर निजी स्कूलों विश्विद्यालय की कथित मनमर्ज़ी पर सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा है कि उन्हें ऐसा लगता है कि प्रदेश में इन निजी शिक्षण संस्थानों को लोगों को लूटने की खुली छूट है। उन्होंने कहा है कि एक तरफ यह शिक्षण संस्थान बड़ी बड़ी मोटी फ़ीस छात्रों से बसूल रहें है, तो दूसरी तरफ अपने स्टाफ को पूरी तनख्वाह भी नहीं दे रहे हैं। प्रदेश में फर्जी डिग्री मामले सामने आने के बाद तो इनकी विश्वसनीयता पर ही प्रश्न चिन्ह लग गया है।



विक्रमादित्य सिंह ने आज पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुए कहा कि देश में कोरोना संकट के चलते पूरा देश अस्तव्यस्त हो गया है। शिक्षण संस्थान बंद पड़े हैं। कामकाज ठप पड़े हैं। बेरोजगारी बढ़ गई है। देश की अर्थव्यवस्था निम्म स्तर पर पहुंच गई है। विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि इस सकंट के दौर में प्रदेश सरकार देश के बड़े उद्योगपतियों और प्राइवेट शिक्षा संस्थानों के हाथों कठपुतली बन कर खेल रही है। उन्होंने कहा कि पिछले तीन महीनों से यह संस्थान पूरी तरह बंद पड़े है।

ऐसा नहीं है कि इनमें पड़ने वाले छात्रों ने इनकी फीस न दी हो। उन्होंने कहा है कि यह संस्थान पहले ही एडवांस में फीस बसूल लेते हैं। इस समय जबकि प्रदेश सरकार एक तरफ इन संस्थानों से लॉकडाउन समय की फीस न लेने की बात कर रही है, तो दूसरी ओर यह संस्थान अभिभावकों से यह फ़ीस के नोटिस भेज रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को इस बारे स्पष्ट निर्देश जारी करने चाहिए कि उन्हें फीस देनी है या नहीं और अगर देनी भी है, तो किस हिसाब से। विक्रमादित्य सिंह ने कहा है कि फर्जी डिग्री मामले में शिक्षा के क्षेत्र में हिमाचल का नाम बदनाम हुआ है।

उन्होंने कहा है कि पूर्व भाजपा शाशनकाल में प्रदेश में निजी शिक्षण संस्थानों की एक बाढ़ सी आई। सम्भतः यही कारण रहा है कि तत्कालीन सरकार ने ऐसे ऐसे संस्थानों को अनुमति के साथ साथ करोड़ों रुपए की कीमती जमीनें इन उद्योगपतियों को कौड़ियों के भाव बेच दी।आज यह संस्थान अपने कर्मचारियों, शिक्षकों के साथ साथ इसमें पड़ने वाले छात्रों का भी डट कर शोषण कर रहे हैं। सरकार है कि वह अपनी आंखें मूंदे बैठी है।

प्रदेश में निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग भी मौन धारण किए हुए हैं। उनका भी इन संस्थानों पर कोई नियंत्रण नहीं लगता। विक्रमादित्य सिंह ने सरकार से मांग की है कि वह प्रदेश के लोगों को इस लूट से बचाए। उनका कहना है कि फर्जी डिग्री मामलें की भी पूरी जांच की जानी चाहिए। दोषी अधिकारियों के साथ साथ उन विश्विद्यालय पर भी कड़ी कार्यवाही की जानी चाहिए जो इस मामलें में संलिप्त पाए जाते हैं।

विक्रमादित्य सिंह ने मुख्यमंत्री से प्रदेश में सेब सीजन को देखते हुए बागवानों के लिए कार्टन, ट्रे जल्द उपलब्ध करवाने की मांग करते हुए इसके विपणन की पूरी व सही व्यवस्था करनी चाहिए, जिससे प्रदेश की मुख्य आर्थिकी पर कोई कुप्रभाव न पड़े।

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