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किसानों के लिए मददगार बनीं जाईका परियोजना


  • पालमपुर 11 अक्तूबर, हिमाचल फ़ास्ट रिपोर्ट
    जहां चाह है, वहीं राह है इस कहावत चरितार्थ किया देहरा उपमण्डल की पंचायत कुहना के बलजीत, राज कुमार, और जोगिन्दर सिंह ने। किसानी में उत्कृष्ठता हासिल करने वाले इन किसानों की मेहनत का रास्ता प्रशस्त हुआ है, हिमाचल प्रदेश के कृषि महकमे की महत्वकांशी परियोजना जाईका से प्राप्त सहायता से हिमाचल प्रदेश सरकार और जापान अंतरराष्ट्रीय सहयोग संस्था की परियोजना से किसानों के खेतों में लहलाती नकदी फसलों से इनकी आय लगभग 4 गुणा तक वृद्धि हुई है। आर्थिक रुप में सुदृढ़ता को देख क्षेत्र के युवा और अन्य लोग प्रेरित हो रहे हैं।




बलजीत, राज कुमार, और जोगिन्दर सिंह जैसे दर्जनों किसानों की तकदीर में जाईका परियोजना के आरंभ होने के बाद बड़ा बदलाव आया। परियोजना में इस क्षेत्र में 85 लाख रुपये से चमेटी कूहल का निर्माण, किसानों के खेतों तक सड़क सुविधा पर 11 लाख और किसानों के उत्पादों को बाजार उपलब्ध करवाने के लिए 28 लाख रुपये से उत्पाद संग्रह केंद्र भी स्थापित किया गया है।



जाईका परियोजना में उठाऊ सिंचाई योजना चमेटी से वर्षभर किसानों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध होने, फार्म तक एक्सेस रोड और अन्य सुविधा मिलने से इस क्षेत्र किसानों ने अधिक मेहनत कर इस क्षेत्र को भी प्रदेश के सब्जी उत्पादन क्षेत्रों की पहचान दिलाई। पूर्णतः वर्षा पर आधारित चमेटी क्षेत्र में सिंचाई सुविधा प्राप्त होन से कृषि अच्छे मुनाफे का जरिया बन गया।

चमेटी के बलजीत सिंह ने इस परियोजना का भरपूर लाभ उठाते हुए लगभग 12 कनाल में खेती को विस्तरित किया। खरीफ सीजन में भिन्डी, खीरा, लोकी, मीटरफली के अलावा हल्दी, जिमीकंद का उत्पादन कर अच्छीखासी कमाई का जरिया बनाया। कृषि विज्ञानिकों की राय पर पिछले दो बर्षो से मक्की की जगह स्वीट कॉर्न लगाना शुरू किया जिससें इनकी आय 25 हजार रुपये से डेढ़ लाख रुपये तक बढ़ी है। इनकी कठोर मेहनत और लगन को देखते हुए जाईका के माध्यम से पॉलीहाउस लगवाया गया है और इसमें वे बेेमोसमी सब्जी, खीरा एवं टमाटर तैयार कर रहे हैं। इसके अलावा विभिन्न सब्जियों पौध तैयार कर बेचने से मुनाफा कमा रहे हैं। अपनी कड़ी मेहनत से इन्होंने चमेटी जैसे क्षेत्र में फूलगोभी और ब्रोकली जैसी फसलें उगाकर अपनी सालाना औसत आय अब एक से डेढ़ लाख की बृद्धि की है।

प्रगतिशील किसान राज कुमार ने भी जाईका परियोजना में उपलब्ध सुविधाओं को अपनाकर हल्दी उत्पादन 4 कनाल से बढ़ाकर 27 कनाल पर कर रहे हैं। उन्नत किस्म का हल्दी का बीज बेचने से लेकर हल्दी पाउडर बनाकर यह हजारों कमा रहे हैं। किसानों की सुविधा के लिए जाईका द्वारा कलेक्शन (संग्रह) सेंटर चमेटी में हल्दी पिसाई की मशीन, सोलर ड्रॉयर, बजन करने तथा पेकिंग करने की मशीन उपलब्ध करवाई गई है। केवल हल्दी और वाशिंग पाउउर के माध्यम से ही राज कुमार ने दो वर्षो में अढ़ाई लाख रुपये की आमदनी प्राप्त की है।

यहां किसानों की सुविधा के लिए जाईका के माध्यम से आधुनिक कृषि यंत्र भी मुहैया करवाए गए हैं। इस परियोजना जुड़े किसान इन यंत्रों को न्यूनतम दैनिक किराए के आधार पर उपयोग कर रहे हैं। इससे किसानों के उत्पादन शुल्क में कमी आने के साथ-साथ नई और सरल तकनीक से कृषि करने का अवसर प्राप्त होने उत्पादन में वृद्धि हो रही है। जाईका द्वारा उठाऊ सिंचाई योजना चमेटी के निर्माण और अन्य आधुनिक कृषि यंत्र एवं तकनीक उपलब्ध करवाने से इस क्षेत्र के किसानों की वार्षिक आय में साढ़े 3 गुणा वृद्धि दर्ज की गई है। इस क्षेत्र के किसानों वार्षिक आय 44462 रुपये से बढकर 3 लाख 11 हजार 117 रुपये प्रति हेक्टेयर हो गई है।

जिला परियोजना प्रबंधक, डॉ0 राजेश सूद ने बताया कि हिमाचल प्रदेश सरकार और जापान अंतरराष्ट्रीय सहयोग संस्था के संयुक्त तत्वाधान में संचालित इस परियोजना ने किसानों के जीवन में बड़ा परिवर्तन ला दिया है। किसानों के खेतों तक पानी, आधुनिक कृषि यंत्रों पर 90ः10 के अनुपात पर अनुदान, उत्पाद संग्रहण केंद्र, खेत तक सड़क, प्रशिक्षण एवं तकनीक उपलब्ध करवाई जा रही है।

इसके अलावा यहाँ के किसानों एवं स्वयं सहायता समूह के सदस्यों तथा अन्य किसानों को जागरूक किया जा रहा है। उत्पाद संग्रह केंद्र के माध्यम से भी यहाँ अनेक गतिविधियाँ जैसे कि अपनी सब्जी बेचना, हल्दी को सुखाना तथा पिसाई करना, अपने उत्पादों की पैकिंग करना एवं वाशिंग पाउडर बनाना आदि कार्य का भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

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