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कर्मचारियों की पेंशन शुरू करवाने के लिये धरने पर बैठे राजन सुशांत

पहले अपनी पेंशन और भते लेना छोड़ कर कर्मचारियों की लड़ाई में कूदे राजन सुशांत


 

  • पालमपुर 13 अक्तूबर, बी के सूद
    पालमपुर उपमंडल अधिकारी के प्रांगण में पूर्व सांसद एवं मंत्री राजेंद्र सुशांत और उनकी टीम द्वारा न्यू पेंशन स्कीम के विरोध में धरना प्रदर्शन किया गया धरने में विभिन्न विभागों के कर्मचारियों सेवानिवृत्त कर्मचारियों तथा अन्य नेताओं ने भाग लिया इस धरना प्रदर्शन में राजन सुशांत मुख्य वक्ता के रूप में पधारे थे।


 

प्रदर्शनकारियों ने सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार उनके साथ सौतेला व्यवहार कर रही है जबकि नेताओं के वेतन भत्ते दिन प्रतिदिन बढ़ रहे हैं और उनकी पेंशन भी बरकरार है कर्मचारी नेताओं ने कहा कि एक एमएलए या एमपी शपथ शपथ लेने के तुरंत बाद चाहे उसे शपथ लिए हुए 10 मिनट ही क्यों ना हुए हो पेंशन व अन्य सुविधाओं का अधिकारी बन जाता है। जबकि वर्तमान में कर्मचारियों को 30 साल या 35 साल सर्विस करने के बाद भी 15 सो दो हजार पेंशन दी जा रही है जो कि सरासर अन्याय पूर्ण ही नहीं बल्कि दमनकारी भी है।
राजन सुशांत ने बताया कि उन्होंने 5 अगस्त से पेंशन लेना बंद कर दिया है क्योंकि वह अपनी कथनी और करनी में अंतर नहीं रखना चाहते वह सरकार से वही मांग करेंगे और करते हैं जिस पर वह खुद चलते हैं अगर मैं खुद टेंशन ले रहा हूं और सरकार से नेताओं की पेंशन बंद करने की बात कर रहा हूं तो यह मेरे नियमों तथा उसूलों के खिलाफ होगा इसलिए सबसे पहले मैंने अपनी पेंशन व भत्ते छोड़े हैं ताकि मैं सीना ठोक कर सरकार से यह मांग कर सकूं कि या तो सभी नेताओं की पेंशन बंद करें।
उन्होंने कहा कि वह सभी कर्मचारियों को नेताओं की तरह पेंशन शुरू करें । राजन सुशांत के इस त्याग भरे फैसले का सभी कर्मचारी नेताओं ने स्वागत किया तथा उनकी भूरी भूरी प्रशंसा की और कहा कि राजन सुशांत साधन संपन्न होने के बाद भी दुखी कर्मचारियों की समस्याओं के प्रति बेरुखी नहीं दिखाई तथा उनकी समस्याओं में खुद को शामिल करके उनकी समस्याओं के लिए मुखर हो रहे हैं।
डॉक्टर सुशांत ने कहा कि वह कर्मचारियों को उनका हक दिलवा कर ही रहेंगे तथा जब तक पुरानी पेंशन स्कीम लागू नहीं की जाती तब तक वह चैन की नींद नहीं सोएंगे।
उन्होंने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से कहा कि आप तो गरीबों का मसीहा होने की बात करते हो परंतु आप स्वयं यह बताइए कि गरीब परिवार होने के बाद आप इन कर्मचारियों के दुख दर्द को क्यों नहीं समझ रहे हो

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