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जाने थप्पड़ से किक तक की असल सच्चाई

कुल्लू,रिपोर्ट

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के कारकेड (काफिला) में ऐन मौके पर किया बदलाव पुलिस विवाद की असली जड़ है। इस फसाद के बाद एसपी गौरव सिंह और सीएम सिक्योरिटी इंचार्ज एएसपी बृजेश सूद के बीच विवाद की थप्पड़ से शुरुआत हुई और तू-तू, मैं-मैं गाली-गलौज व लातों तक चली। पुलिस की वर्दी और इंस्टीच्यूट को दागदार करने वाले इस वाक्या की सच्चाई तीनों आरोपियों के बयानों से सामने आ गई है। हालांकि विवाद की असली जड़ फोरलेन प्रभावितों को आंदोलन है। प्रदर्शनकारी केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और सीएम जयराम ठाकुर के काफिले के पास आ गए थे और वही खीज जिला पुलिस और सीएम सिक्योरिटी के बीच विवाद का कारण बनी। सेंट्रल जोन मंडी के डीआईजी मधुसुदन ने तीनों के बयान कलमबद्ध कर अपनी जांच तेज कर दी है। इस आधार पर स्पष्ट हुआ है कि जेड प्लस सिक्योरिटी से लेस नितिन गडकरी का कारकेड एसपीजी और जिला पुलिस ने फाइनल किया था।


 इसके लिए बकायदा सीएम ऑफिस से अप्रूव करवाया गया था। गडकरी के काफिले में कुल 15 वाहनों को शामिल किया गया था। जेड प्लस सुरक्षा के चलते इसमें अधिकतर गाडि़यां एसपीजी की थी। इस काफिले से सीएम सिक्योरिटी इंचार्ज बृजेश सूद और एसपी कुल्लू दोनों की गाडि़यां बाहर थीं। गडकरी की लैंडिंग से पांच मिनट पहले इस काफिले में एएसपी बृजेश सूद सहित तीन और गाडि़यां शामिल कर ली गईं। इस पर कुल्लू पुलिस ने विरोध जताना शुरू कर दिया। इन गाडि़यों को प्रोटोकॉल के तहत काफिले से बाहर करने की दलील दी गई। इस पर सीएम सिक्योरिटी इंचार्ज ने कहा कि एसपीजी ने ऐन मौके पर जरूरत के हिसाब से गाडि़यां शामिल करने की अनुमति दे दी है। एसपी कुल्लू ने इस बात पर हैरानी जताते हुए कहा कि जिला पुलिस को सूचित किए बिना यह कैसे संभव है। इसी बात पर एसपी कुल्लू गौरव सिंह और सीएम सिक्योरिटी इंचार्ज एएसपी बृजेश में बहसबाजी हो गई।

 मामला यही नहीं थमा, दूसरे स्पॉट पर पहुंचने के बाद एएसपी बृजेश ने फिर एसपी गौरव सिंह के समक्ष अपना विरोध जताना शुरू कर दिया। दूसरी बार की यह बहस तू-तड़ाक और गाली-गलौज में बदल गई। इसके बाद जो कुछ हुआ वह सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो खुद गवाही दे रहा है। बहरहाल शर्मसार कर देने वाले इस प्रकरण के बाद एसपी गौरव सिंह को कुल्लू से हटाकर डीआईजी ऑफिस मंडी अटैच कर दिया है। इसके अलावा सीएम सिक्योरिटी इंचार्ज एएसपी बृजेश और हेड कांस्टेबल बलवंत सिंह को सीआईडी हैडक्वार्टर शिमला रिपोर्ट करने को कहा है। हालांकि पहले इन तीनों को कंपल्सरी  लीव पर जाने के निर्देश थे। इसी बीच एसपी गौरव सिंह और एएसपी बृजेश सूद सहित कांस्टेबल बलवंत सिंह के बयान भी कलमबद्ध कर लिए गए हैं। इसके तहत शनिवार को जांच अधिकारी मधुसुदन अपनी जांच रिपोर्ट डीआईजी शिमला को सौंपेंगे।

डीआईजी मधुसुदन के सामने तीनों आरोपियों ने दर्ज करवाए बयान

एएसपी ने निकाली गालियां

एसपी गौरव सिंह ने पुलिस को दिए बयान में कहा कि एएसपी बृजेश अश्लील गालियां व धमकी दे रहे थे। केंद्रीय मंत्री के कारकेड में बिना सूचना के तीन और गाडि़यां  शामिल कर दी गईं। कानून व्यवस्था जिला पुलिस का दायित्व होता है और किसी भी प्रकार की चूक के लिए मेरी जिम्मेवारी होती। इसी वजह से सीएम सिक्योरिटी इंचार्ज बृजेश सूद ने गाली-गलौज और हाथ मारना शुरू कर दिया। हाथ के इशारे और गंदी गालियां सहन नहीं हो सकी। इस कारण गलती से हाथ उठ गया।

बिन वजह मारा थप्पड़

एएसपी बृजेश सूद ने कहा है कि सुरक्षा में चूक के चलते सीएम का हेलिकॉप्टर क्रैश हो सकता था। लैंडिंग के स्थान पर पानी नहीं छिड़का गया था। इस कारण चौपर 150 मीटर की दूरी पर लैंड करवाना पड़ा। एसपीजी की अनुमति सीएम सिक्योरिटी की तीन गाडि़यों को काफिले में ऐन मौके पर शामिल करवाया था। इसी बात पर एसपी कुल्लू ने विरोध शुरू कर दिया। मुझे बिना वजह थप्पड़ तक जड़ दिया।

जानबूझ नहीं मारा

पीएसओ बलवंत सिंह ने कहा कि पुलिस की लचर व्यवस्था के चलते सीएम की सिक्योरिटी में दिक्कत आ सकती थी। हम सीएम साहब को अकेला नहीं छोड़ सकते थे। यह मामला जब हमारे सिक्योरिटी इंचार्ज ने एसपी साहब से उठाया, तो उन्होंने थप्पड़ मार दिया। इसके बाद मैंने बीच-बचाव का प्रयास किया और जो कुछ भी हुआ, इंटेशनली नहीं किया।

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