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अनुसूचित जाति उपयोजना के अन्तर्गत बी. पी. एल. परिवारों को मुफ्त बकरे, बकरियां, पशु आहार, खनिज मिश्रण एवं दवाईयां आवंटित


पालमपुर,रिपोर्ट
भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, क्षेत्रीय केन्द्र पालमपुर द्वारा अरला पंचायत में अनुसूचित जाति उप-योजना के अंतर्गत अति निर्धन बारह परिवारों को संकर प्रजाति की अड़तालीस बकरियां, बारह बकरे, 60 क्विंटल पशु आहार, 6 क्विंटल खनिज मिश्रण एवं आवश्यक दवाईयां मुफ्त आवंटित की। इस दौरान एक दिवसीय किसान गोष्ठी एवं पशु स्वास्थय चिकित्सा शिविर का भी आयोजन किया गया । जिसमें लगभग 136 किसानों/पशुपालकों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम में डा. गोरख मल, स्टेशन प्रभारी ने अनुसूचित जाति उप-योजना के तहत चयनित परिवारों से अनुरोध किया कि बकरे/बकरियों की अच्छी देखभाल करें ताकि बकरी पालन चयनित अति गरीब परिवारों की आजीविका का साधन बन सके। उन्होंने बताया कि भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, क्षेत्रीय केन्द्र, पालमपुर द्वारा अनुसूचित जाति एवं जनजातीय उपयोजनाऔं के अन्तर्गत 500 से ज्यादा बकरे/बकरियां अति निर्धन परिवारों को मुफ्त आवंटित किये जा चुके हैं। 
इसी क्रम में उन्होंने बकरी दूध के लाभों के बारें में किसानों/पशुपालकों को विस्तृत जानकारी दी। कार्यक्रम के दौरान पशुपालन विभाग, पालमपुर के चिकित्सक डा. कनिका भारद्वाज द्वारा आवंटित किये जाने वाले बकरे एवं बकरियों का वैक्सीनेशन किया तथा संस्थान के वैज्ञानिकों द्वारा इनकी स्वास्थ्य जांच की गई। डा. यू. एस. पति, वरिष्ठ वैज्ञानिक द्वारा किसानों/पशुपालकों को वितरित दवाईयों की विस्तृत जानकारी एवं उनके सही उपयोग के बारे में अवगत करवाया। गोष्ठी में पधारे किसानों और पशुपालकों की पशुपालन एवं कृषि सम्बंधित समस्याओं का विभिन्न विषय विशषज्ञों द्वारा समुचित समाधान किया गया। 
इस दौरान पंचायत प्रधान, सुनीता देवी ने केन्द्र के सभी वैज्ञानिकों/अधिकारियों/कर्मचारियों का स्वागत किया। डा. रिंकु शर्मा, वरिष्ठ वैज्ञानिक ने उपरोक्त कार्यक्रम का संचालन किया। डा. देवी गोपीनाथ, वैज्ञानिक, डा गौरी जैरथ, वैज्ञानिक, श्री बलविन्द्र सिंह राणा, तकनीकी अधिकारी, . आर. रणजीत सिंह, तकनीकी अधिकारी, अन्य तकनीकी वर्ग, प्रशासनिक वर्ग एवं कुशल सह कर्मचारी वर्ग ने इस आयोजन में महत्तवपूर्ण योगदान दिया। अपने धन्यवाद संभाषण में डा. बी. सिंह, प्रधान वैज्ञानिक ने पंचायत अरला के प्रधान, उपप्रधान एवं सभी वार्ड पंचों का सहयोग देने के लिए धन्यवाद किया एवं बताया कि वैज्ञानिकों द्वारा किये गए अनुसंधान कार्यों का लाभ पशुपालकों को अवश्य मिलना चाहिए।​

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