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अंद्रेटा में निकलीं भूगर्व से देव शिलाएं,गुरू रामेश्रवर सिंह को हुआ था देव शिलाओं का आभास

धर्मशाला,रिपोर्ट
अक्‍सर खुदाई में देव शिलाएं यह एतिहासिक महत्‍व की बस्‍तुएं देखने में आई है। लेकिन किसी की भविष्‍यवाणी पर किसी बस्‍तु का बताई जगह पर निकलना हैरान करने वाली बात अवश्‍य ही है । शिव वैश्‍णव आशापूरीधाम  टम्‍बर के गुरू रामेश्वर सिंह आम तोर पर पालमपुर के इस इलाके में माता के भागवत के लिए आते रहते है और उनके इस इलाके में काफी अनुयायी भी है । उनका कहना है कि शिव वैश्‍णव धाम में विराजत मां का जब जब आदेश होता है, वह उसी कार्य काे अंजाम देते है  । कई भक्‍तों पर उनकी बडी मेहरवानी है जो सभी रूप में मां की कृपा से सम्‍पन्‍न है ।
पिछले दिनों गुरू रामेश्रवर सिंह अ्न्‍द्रेटा पधारे और अजुदया देवी पत्‍नी स्‍व ज्ञान चंद चौधरी के घर बैठे कुछ शिष्‍यों से बातचीत कर रहे थे तभी उन्‍हें उनके घर आंगन में देव शिलाओं के होने का आभास हुआ  और उन्‍होंने संबधित परिवार से कहा कि आप अपने आंगन में दिवार से लगती चार फीट चोडा और चार फीट लम्‍बी जगह को मंगलवार शिवरात्री के दिन खोदना और इसमें से देव शिलाएं निकलेगी और आप लोग यहां ठाकुर जी का मंदिर बना कर इनकी स्‍थापना करना । 
गुरू जी के कहे अनुसार इस परिवार ने गांव वासियों की मौजूदगी में शिवरात्री की सुबह अपने आंगन में चार फुट चोडे और इतने ही लम्‍बे क्षेत्र की 6 फुट की गहराई तक खुदाई कर दी । लेकिन शिलाएं नही मिली । जब दौवारा इस परिवार ने गुरू जी से सम्‍पर्क साधा और खुदाई की जानकारी दी तो गुरू जी ने उन्‍हे एक शिष्‍य महिला को बुलाने के आदेश दिए। जिसने खेलते हुए मां स्‍वरूप में सही जगह खोदने के आदेश दिए, जहां से पांच देव शिलाएं मिली । गुरू जी का मानना है कि इस स्‍थान पर सेकडों वर्ष पहले ठाकुर जी का मंदिर था और यह देव शिलाएं ठाकुर जी और उनके परिवार की ही है । 

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